Latehar:- कहते हैं कि अगर इंसान में काम करने का जुनून और दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो सफलता जरूर मिलती है। या दूसरे शब्दों में कहें तो अगर काम का मकसद नेक और समाज में सकारात्मक बदलाव लाना हो तो उसकी सराहना हर जगह होती है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है मनीष कुमार ने। नेतरहाट आवासीय विद्यालय के बाहर मनीष कुमार मूल रूप से गुमला के विशुनपुर प्रखंड के रहने वाले हैं।
उन्हें नेतरहाट बहुत पसंद है स्कूल छोड़ने के बाद मनीष ने दिल्ली में रेडियन नाम से एक स्वयंसेवी संस्था शुरू की। उन्होंने संस्था के माध्यम से नेतरहाट के आदिम आदिवासी समुदाय के लोगों की सेवा करना शुरू किया। मनीष ने शुभम संदेश से खास बातचीत में बताया कि उन्होंने नेतरहाट और आसपास के इलाके को अपनी कर्मभूमि के रूप में चुना है।
![Latehar News: लातेहार के रहने वाले मनीष ने DFO से मिलकर किया पर्यावण संरक्षण का संदेश जारी 2 उन्हें नेतरहाट बहुत पसंद है](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/03/%E0%A4%89%E0%A4%A8%E0%A5%8D%E0%A4%B9%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%A8%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%9F-%E0%A4%AC%E0%A4%B9%E0%A5%81%E0%A4%A4-%E0%A4%AA%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A6-%E0%A4%B9%E0%A5%88--1024x576.webp)
असुर और बिरिजिया जैसे आदिम लोग कम से कम पिछले दो हजार वर्षों से इन क्षेत्रों में रहते हैं। यह जनजाति अपने छोटे-छोटे खेतों पर पारंपरिक खेती करती है। उनकी आजीविका का साधन कमोबेश खेती और जंगलों से प्राप्त फल आदि हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के अलावा विकिरण संस्थान उनकी आजीविका के साधनों पर भी काम करता है।
इन परिवारों को अतिरिक्त आय का साधन उपलब्ध कराना बहुत जरूरी है। पिछले साल संस्था ने नेतरहाट के ताहिर और बटुआटोली गांव में 850 फलदार पौधे लगाये थे। यह पायलट योजना बहुत सफल रही। मनीष ने कहा कि हमारा अगला लक्ष्य नेतरहाट के आदिम जनजाति घरों में एक लाख फलदार पौधे लगाना है। ये पेड़ होंगे आम, लीची, नाशपाती, अमरूद, पपीता, नींबू, आंवला और बेर। इन फलों के उत्पादन से इन परिवारों की वार्षिक आय में काफी वृद्धि होगी।
![Latehar News: लातेहार के रहने वाले मनीष ने DFO से मिलकर किया पर्यावण संरक्षण का संदेश जारी 3 देंगे पर्यावरण संरक्षण का संदेश](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/03/%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%B5%E0%A4%B0%E0%A4%A3-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A4%A3-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6-1024x576.webp)
जिंदगी की शुरुआत लातेहार से हुई
इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए मनीष जीवन यात्रा पर हैं। लातेहार ने इस यात्रा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि वे अपनी जीवन यात्रा के दौरान झारखंड के हर जिले के कम से कम पच्चीस शहरों में जनसंपर्क करेंगे। इस संपर्क के दौरान हम शहर के विभिन्न संस्थानों, संगठनों, सामुदायिक समूहों और स्कूलों से जुड़ेंगे। उनसे बहुत कुछ सुनेंगे और समझेंगे. उन्होंने आम लोगों से इस कार्य में सहयोग की अपील की है।
डीएफओ से मुलाकात की
अपने दौरे के दौरान मनीष कुमार ने प्रभागीय वन पदाधिकारी रोशन कुमार से मुलाकात की. उन्होंने डीएफओ को अपनी संस्था का लक्ष्य बताया। उन्होंने कहा कि संस्था वन, जल और प्रकृति का संरक्षण कर रही है। इससे डीएफओ काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि वे मनीष कुमार और उनकी संस्था को हरसंभव मदद करेंगे। यात्रा के दौरान मनीष ने टूरिज्म रिसोर्स पर्सन गोविंद पाठक से भी मुलाकात की। गोविंद पाठक ने भी उनके काम की सराहना की।
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