Deoghar news: ड्राइवर की एक गलती से छोटे बच्चे की मौत, जाने कैसे हुइ ये घटना?
Deoghar:- आक्रोशित लोगों ने जेसीबी चालक को फोन करने की मांग की। वे सफाई टिपरों (जैसे जेसीबी) में आग लगाने की भी धमकी दे रहे थे। जाम के दौरान इस सड़क पर आवागमन पूरी तरह बाधित रहा।
देवघर नगर निगम कार्यालय के पीछे स्थित सफाई एजेंसी के कचरा डिपो, जो पहले स्टेट बस डिपो था, में कचरा चुन रहे एक दैनिक वेतनभोगी सफाईकर्मी मुन्ना मल्लिक का 10 वर्षीय बेटा प्रेम की जेसीबी से कुचलकर मर गया। यह बताया जाता है कि बच्चा कचरा डिपो में चुन रहा था। चालक ने कचरा हटाने के लिए जेसीबी को चलाते समय बच्चे को नहीं देखा। बच्चे को मिट्टी हटाने वाले भाग से कुचलने से घटनास्थल पर ही मर गया।
शुक्रवार की दोपहर करीब 12 बजे यह घटना हुई। वह वार्ड नंबर 13 राजाबगीचा में रहता था। मृतक के माता-पिता और सभी रिश्तेदारों ने सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर बच्चे को उठाकर सीधे सदर अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
आक्रोशित परिजन ने जेसीबी चालक को बुलाने की मांग की
मृत बच्चे को लेकर वे फिर से घटनास्थल पर आए और जेसीबी को क्षतिग्रस्त कर दिया। बाद में कॉलेज रोड को कचरा डिपो के सामने ही जाम कर दिया, टीपरों को बीच सड़क पर खड़ा कर दिया। मृतक के परिजन, रिश्तेदार और सफाईकर्मी इस दौरान बहुत गुस्से में थे। आक्रोशित लोगों ने जेसीबी चालक को फोन करने की मांग की।
वे सफाई टिपरों (जैसे जेसीबी) में आग लगाने की भी धमकी दे रहे थे। जाम के दौरान इस सड़क पर आवागमन पूरी तरह बाधित रहा। आक्रोशित सफाईकर्मी बाइक तक नहीं छोड़ रहे थे। घटना के एक घंटे के बाद नगर थाने की पुलिस और पीसीआर टीम घटनास्थल पर पहुंची।
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वे आक्रोशितों को समझाने की कोशिश करते थे, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं थे। झारखंड लोकल बॉडिज इंप्लाइज फेडरेशन के जिलाध्यक्ष संजय मंडल ने बाद में लगभग ढाई बजे आकर मृतक के परिजन को 10 लाख रुपये सफाई एजेंसी से मुआवजा दिलाने, जेसीबी जब्त करने और चालक पर कार्रवाई करने की मांग की। नगर थाना प्रभारी राजीव कुमार भी इसी समय पहुंचे। मृतक परिजनों और अन्य सफाईकर्मी ने जाम हटाने से इनकार कर दिया, लेकिन थाना प्रभारी ने लिखित आवेदन मांगा।
कम्पनी कार्यालय में 45 मिनट की चर्चा
फेडरेशन के अध्यक्ष और नगर थानेदार दोपहर करीब 3:30 बजे मृतक के माता-पिता को निगम कार्यालय ले गए। नगर प्रबंधक प्रकाश मिश्रा और सतीश कुमार ने निगम कार्यालय में लगभग 45 मिनट तक चर्चा की। 10 लाख रुपये की शुरुआत से ढाई लाख रुपये हो गया। अंत में, सफाई एजेंसी से मृतक के परिजन को सवा लाख रुपये मुआवजा देने पर सहमति हुई।
4:15 बजे सड़क जाम हटाया गया। मृतक का शव पंचनामा कर पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भेजा। वहीं जेसीबी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मृतक के पिता मुन्ना मल्लिक ने भी घटना को लेकर नगर थाने में लिखित शिकायत दी है और जेसीबी चालक मनोज यादव के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
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पिता का आरोप: JCB मशीन का चालक नशे में था, हेडफोन लगाए हुए था
पिता का कहना है कि उसका बेटा 11:30 बजे एमएसडब्ल्यूएम सफाई एजेंसी के डिपो में प्रेम खेलने गया था, जब चालक मनोज जेसीबी मशीन चला रहा था और शराब पीकर कान में हेडफोन लगा था। उसी जेसीबी ने प्रेम को जन्म दिया। मनोज, जो नशे में था और हेड फोन लगाकर जेसीबी मशीन चलाता था, उसके चिल्लाने पर भी नहीं सुना और बेटे की उसी मशीन के अगले भाग से कुचलकर घटनास्थल पर मर गया।
यहाँ, प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि कुछ बच्चे सफाईकर्मी से कचरा चुन रहे थे। इसी समय यह दुर्घटना हुई। बातचीत में निवर्तमान वार्ड पार्षद मृत्युंजय कुमार और अन्य सफाईकर्मी भी उपस्थित थे। वहीं, एसआई ओपी सिंह, अनुप कुमार, एएसआई नागेंद्र सिंह और जमशेद आलम सहित अनेक पुलिस अधिकारी कानून व्यवस्था में मौजूद रहे।