Dhanbad News: धनबाद में सहरुल को लेकर सजी बाजार, जाने सहरुल पर्व की मान्यताएं

Raja Vishwakarma
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धनबाद में सहरुल को लेकर सजी बाजार, जाने सहरुल पर्व की मान्यताएं

Dhanbad: धनबाद में चल रहा सरहुल का इन्तेज़ार ख़त्म होने को है क्युकी कल सहरुल है और इसे लेकर धनबाद के बाज़ारो में कई तरह की सजावट देखने को मिली और बाजार में आज चहल पहल काफी बढ़ चुकी है, बताते चले की सरहुल आदिवासियों का मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है जो वसंत ऋतु में मनाया जाता है.आदिवासियों का ये पर्व झारखंड के अलावा कई प्रदेशों में मनाया जाता है. सरहुल प्रकृति को समर्पित पर्व है।

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पतझड़ के मौसम के बाद प्रकृति खुद को नए पत्तों और फूलों के आवरण से खुद को सजा लेती है, आम के मंजर, सरई और महुआ के फूलों से पूरी फिजा महक उठती है । झारखंड, ओड़िशा और पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल इलाकों में धूमधाम से सरहुल मनाया जाता है। सरहुल का उत्सव चैत्र महीने में तीसरे दिन चैत्र शुक्ल तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इसमें साल के वृक्ष की पूजा होती है. यह पर्व आदिवासियों के नव वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है।

सरहुल आदिवासियों का मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है

सरहुल आदिवासियों का मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है
सरहुल आदिवासियों का मनाया जाने वाला प्रमुख पर्व है

सरहुल दो शब्द से मिलकर बना है, सर और हूल. सर यानी सरई या सखुआ का फूल और हूल का तात्पर्य क्रांति से है. इस तरह सखुआ फूल की क्रांति को ही सरहुल कहा गया है. मुंडारी, संथाली और हो भाषा में सरहुल को बा या बाहा पोरोब, खड़िया भाषा में जांकोर, कुड़ुख में खद्दी या खेखेल बेंजा कहा जाता है. इसके अलावा नागपुरी, पंचपरगनिया, खोरठा और कुरमाली भाषा में इसको सरहुल कहा जाता है। इस पूजा के बाद शाम को विभिन्न मौजा के पाहनों के द्वारा ढोल-मांदर बजाते हुए कुएं या तालाब से दो घड़ा पानी लाकर जल रखाई की रस्म निभाई जाती है।

सरहुल प्रकृति को समर्पित पर्व है

सरहुल प्रकृति को समर्पित पर्व है
सरहुल प्रकृति को समर्पित पर्व है

गांव के नदी, तालाब या कुएं से दो घड़े में पानी लाकर सरना स्थल की उत्तर और दक्षिण दिशा में रखा जाता है। पानी की गहराई को साल के तने से नापा जाता है. जिसके बाद दूसरे दिन घड़े में पानी को उसी तने से ही नापा जाता है. घड़े में पानी के कम होने या नहीं होने की स्थिति पर उस साल वर्षा का पूर्वानुमान लगाया जाता है। जानकारी के अनुसार बताते चले की सहरुल को लेकर पुलिस प्रशासन भी अलर्ट है।

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मेरा नाम राजा विश्वकर्मा है और मैं पिछले कुछ महीनो से इस वेबसाइट 'JoharUpdates' में लेखक के रूप में काम कर रहा हूँ। मैं झारखण्ड के अलग-अलग जिलों से खबरों को निकलता हूँ और उन्हें इस वेबसाइट की मदद से प्रकाशित करता हूँ। मैंने इससे पहले कोई और जगहों पर काम किया हुवा है और मुझे लेख लिखने में 2 सालो का अनुभव है। अगर आपको मुझसे कुछ साझा करना हो या कोई काम हो तो आप मुझे "bulletraja123domcanch@gmail.com" के जरिये मुझसे संपर्क कर सकते है।
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