Dhanbad: जिले में एक विचित्र घटना घटित हुई है। एक पिता की अपनी बेटी की कन्या दान का सपना टूट गया । पिता की अर्थी और बेटी की पालकी का एक ही दिन निकली जिसे देखकर सबकी आँखे नम हो गई।घटना से परिवार और आसपास के लोग दुखी हैं। रविवार की शाम गोमो के जीत गांव में बेटी ममता कुमारी की शादी थी. इसके साथ ही पिता छत्रधारी आशुतोष की अर्थी भी सामने आई।
स्थानीय झारखंडी आंदोलनकारी पुनित महतो ने बताया कि उनके बेटे छत्रधारी महंत सती को बकरी के दाम की बाइक इसरी हटिया बाजार से मिली थी। इस दौरान बकरी के गले में बंधी रस्सी सड़क पर गिर गई थी। एक ऑटो ड्राइवर ने इसे देखा और इसकी जानकारी दी।
बाद में बकरी के गले में बंधी रस्सी को उठाने के प्रयास में वह वह अपनी बाइक से नियंत्रण खो बैठा और सड़क किनारे खड़ी एक गाड़ी से जा टकराया।बताया गया कि वे तुरंत डुमरी अस्पताल ले गये। जहां से डेड के एसएनएमएम का पुनर्निर्माण कराया गया। जहां के विचारों को देखते हुए अधिवक्ताओं ने उन्हें रिम्स रेफर कर दिया। वहां इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
![Dhanbad News: एक बकरे की वजह से पिता की अर्थी और बेटी की डोली निकली साथ में, जाने कैसे हुई ये घटना? 2 पिता सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/04/%E0%A4%AA%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%A1%E0%A4%BC%E0%A4%95-%E0%A4%A6%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%98%E0%A4%9F%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%97%E0%A4%82%E0%A4%AD%E0%A5%80%E0%A4%B0-%E0%A4%B0%E0%A5%82%E0%A4%AA-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%98%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B2-%E0%A4%B9%E0%A5%8B-%E0%A4%97%E0%A4%8F-%E0%A4%A5%E0%A5%87-1.webp)
पिता सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे
मृतक की पुत्री ममता कुमारी की शादी 19 अप्रैल को खूंटा, चिंचकी निवासी कुलदीप महतो के पुत्र अजीत महतो अजिताहित से होने वाली थी । उनके पिता की मृत्यु के बाद उन्हें बुलाया गया था। स्थानीय लोग सबसे पहले दोनों की शादी के लिए राजी हो गए। गुरुवार को जीतपुर के शिव मंदिर में जल्दी बाजी में ममता की शादी हुई।
जानकारी के अनुसार बताते चले की मृतक का शव जैसे ही जीतपुर स्थित आवास पर पहुंचा वैसे ही स्थानीय लोगो में चीख-पुकार मचने लगी परिजनों के चीत्कार से मौजूद ग्रामीणों की आंखें नम हो गयीं जिसके बाद मृतक का अंतिम संस्कार जीतपुर के जमुनिया नदी घाट पर किया गया। जिस कारन से गांव सन्नाटा में पसरा हुआ है।
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