Hazaribagh: DAV Public School ने महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती मनाई। संस्कृत शिक्षक नित्यानंद पांडे, बीके पांडा और नवल किशोर मिश्रा ने इस अवसर पर विशेष हवन एवं प्रार्थना सभा की व्यवस्था की।
डीएवी की प्रिंसिपल इंचार्ज कविता पांडे के अलावा संपा श्रीवास्तव, किरण मिश्रा, बीके दुबे, अरिंदम पटनायक, विजय भारती, भी विश्वकर्मा, अपराजिता, हनी चंद्रा, तनुश्री और नाजूदा तबस्सुम ने भी स्वामी दयानंद सरस्वती की प्रतिमा पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया।
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बच्चों को संबोधित करते हुए कविता पांडे ने कहा कि स्वामी ने आधुनिक युग में सांस्कृतिक पुनर्जागरण को प्रेरित किया। सत्यार्थप्रकाश नामक अपनी पुस्तक ने 1875 ई. में आर्य समाज की स्थापना करके भारतीय समाज को बदल दिया। स्वामी ने वेदो की ओर वापस चलो कहा।
स्वामी जी ने शिक्षा को सामाजिक बदलाव का सबसे अच्छा साधन बताया। आज, आर्य समाज में 900 से अधिक शिक्षण संस्थान सक्रिय हैं जो अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत भाषा में विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं। शुद्धि आंदोलन ने स्वामी दयानंद सरस्वती को सामाजिक सुधार में अग्रणी बनाया। स्वामी जी ने स्त्री-शिक्षा का दृढ़ समर्थन किया था। विशेष हवन में संगीत शिक्षक विजय दुबे ने भजन भी सुनाए।
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