Koderma News: आर-पार की लड़ाई का किया संकेत, ढिबरा स्क्रैप मजदूरों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन

Devkundan Mehta
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ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ का कोडरमा में अनिश्चितकालीन धरना शुरू

Koderma: ढिबरा स्क्रैप मजदूर संघ ने सोमवार से कोडरमा समाहरणालय के सामने अनिश्चित कालीन धरना शुरू किया, क्योंकि वे ढिबरा को लेकर वाहनों की गिरफ्तारी, प्रशासन की कठोरता और सरकार की बेवकूफी के खिलाफ हैं। धरनास्थल पर हुई बैठक को कृष्णा सिंह घटवार ने अध्यक्षता दी, जबकि रीतलाल सिंह और प्रकाश साव ने संचालन किया। ढिबरा स्क्रैप संघ के दिनेश यादव, दुर्गा सिंह, राजकिशोर सिंह, मुखिया सीता देवी, उमा देवी, नारायण सिंह, सोनिया देवी और मुखिया सीता देवी ने भी धरना को संबोधित किया।

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वक्ताओं ने कहा कि जिला प्रशासन और अधिकारी लाखों ढिबरा मजदूरों को मार रहे हैं। ढिबरा कर्मचारियों को सीसीए लगाया गया है। यह निर्णय पूरी तरह से तानाशाही है और कोडरमा की गरिमा के साथ खिलवाड़ है। कृष्णा सिंह ने सांसद अन्नपूर्णा देवी पर चर्चा करते हुए कहा कि पिछले दो दशक से एक ही व्यक्ति ने शासन किया है। ढिबरा ने मजदूरों का वोट लिया और विधायक से सांसद बने। दल और दिल बदल गए, लेकिन ढिबरा कभी नहीं लड़ा। कोडरमा के लोगों को पता है कि ढिबरा की बात करने वाला व्यक्ति ही आगे चलेगा।

आर-पार की लड़ाई का किया आह्वान

आर-पार की लड़ाई का किया आह्वान
आर-पार की लड़ाई का किया आह्वान

संजय कुमार, सरस कुमार बबलू, मो कलीम अंसारी, शिवनारायण राम, विकास कुमार, प्रमोद मोदी, पूनम देवी, नरेश सोरेन, मो फिरोज, रौशन सिंह, शमां प्रवीण, सागर प्रेम, रहीशा प्रवीण, विश्वनाथ राय, महादेव सिंह, शिवशंकर राय, अनिता देवी, बालदेव मुर्मू, अजित वर्णवाल, सुनीता बिरहोरिनी, रामकिशुन यादव, अर्जुन कोडरमा के जंगली क्षेत्र में रहने वाले ढिबरा मजदूर विभिन्न वाहनों से समाहरणालय में धरना में भाग लेने पहुंचे। कोडरमा के गझण्डी, जरगा, बेंदी, सपही, ढोढाकोला, जानपुर, इंदरवा, बंगाखलार, मेघातरी, ताराघाटी, सलैया, बसरौन, करमा, पुरनानगर, नगरखारा, फुलवरिया, नावाडीह ने धरना में भाग लिया।

ढिबरा नाम पर अवैध उत्खनन

ढिबरा नाम पर अवैध उत्खनन
ढिबरा नाम पर अवैध उत्खनन

कोडरमा जिले में ढिबरा, ब्लू स्टोन और क्रशर के नाम पर व्यापार और राजनीति होती है। तीनों की हालत खराब है; ब्लू स्टोन का कारोबार अवैध है और क्रशर का कारोबार भी प्रदूषण मापदंडों के कारण बंद होने वाला है। यद्यपि ढिबरा चुनने पर प्रतिबंध नहीं है, लोग इसे ढोने वाले वाहनों की गिरफ्तारी के कारण इसे चुनने से बचने लगे हैं पर इसके साथ सबसे बड़ा मुद्दा ढिबरा के नाम पर अवैध उत्खनन है।

हाल में, वन विभाग के संरक्षण में जंगली इलाकों में ढिबरा के नाम पर जेसीबी द्वारा माईका का अवैध उत्खनन देखा गया। इसमें बहुत से बड़े माफिया भी शामिल हैं, जो ढिबरा चुनने को कानूनन मान्यता देना भी नहीं चाहते, हालांकि वे इस तरह के आंदोलनों और धरना प्रदर्शनों को पैदा करने के लिए आवश्यक पैसे प्रदान करते हैं।

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मेरा नाम देवकुंदन मेहता हैं, मैं झारखण्ड राज्य का निवासी हूँ। मैं एक Content Writer, Creator, Editor और Student हूँ। यहाँ JoharUpdates पर अपनी लिखने की कला को प्रदर्शित करने के लिए पार्ट टाइम न्यूज़ लिखता हूँ। मैं कोडरमा जिले का निवासी हूँ इसलिए अपने आस-पास के जिलों के न्यूज़ को कवर करता हूँ। मझे न्यूज़ भेजने या मुझसे जुड़ने के लिए आप मुझे मेरे ईमेल "dkdevkundan@gmail.com" पर ईमेल कर सकते है।
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