गांव में एंबुलेंस तक पहुंचने के लिए कोई सुविधा नहीं – खटिया के इस्तेमाल को मजबूर
Chandwa (Latehar): देश की आजादी का महोत्सव आज मनाया जा रहा है। देश में एक डिजिटल क्रांति है। सरकार गांवों को विकसित करने के लिए कई योजनाएं चला रही है, लेकिन अभी भी बहुत से गांव विकास से बहुत दूर हैं। यहां के लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिलती हैं।
ऐसा ही एक गांव झारखंड के लातेहार जिले के चंदवा प्रखंड में है, जो ग्रामीण सुविधाओं से भी वंचित है। उस गांव का नाम है माल्हन पंचायत का दाल चुंआ। गांव में तक कोई पक्की सड़क नहीं है। परिजनों को मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए खाट का सहारा लेना पड़ता है। गांव के दीपक गंझू की गर्भवती पत्नी की तबीयत बुधवार को अचानक खराब हो गई। परिजनों ने उसे खटिया पर रखा और लगभग ढाई किलोमीटर पैदल चलकर एंबुलेंस तक पहुंचे। इसके बाद उसे एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज दिया गया।
सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश नाथ लोहरा ने इस स्थिति को देखकर व्यवस्था से नाराज हो गए। उनका कहना था कि गांव विकास से बहुत दूर है। गांव में सड़क जल्द ही बनाई जाएगी, पंचायत के मुखिया जतरु कुमार मुंडा बताते हैं।