बेगारी कराने वालों पर कार्रवाई नहीं, मामला थाना में है दर्ज
Latehar: मानव तस्करी को रोकने के लिए लातेहार पुलिस ने एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट बनाया है, लेकिन इसकी कार्यप्रणाली पर संदेह है। हाल ही में इस दल ने दिल्ली, पानीपत, नोएडा, गाजियाबाद और चंडीगढ़ में छापेमारी करके 16 किशोरियों और एक किशोर को मुक्त कराया था, जो काफी चर्चा में रहा था। लंबे समय से मानव तस्करी का शिकार हो रहे लातेहार जिलेवासियों को कुछ राहत मिली। सात मानव तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा, जो किशोरियों को बहला फुसलाकर शहरों में ले जाकर बेगारी करते थे।
विभिन्न मेट्रोपोलिटन क्षेत्रों से गिरफ्तार किए गए लोगों में महुआडांड थाना क्षेत्र के चटकपुर गांव निवासी पति पत्नी एनिमा नगेसिया और विकास नगेसिया, गुमला जिला के महामू गांव निवासी गोपीचंद महतो, महुआडांड के शैलेंद्र नगेसिया और मनोज जायसवाल, सिमडेगा की सुनीता मुरमुरिन और ओरसापाठ के रहने वाले संदीप बड़ाईक शामिल थे।
एक साल बाद भी बेगारी कराने वाले गृहस्वामी पर कार्रवाई नहीं
एक वर्ष बीत जाने के बाद भी नाबालिगों को बेगारी कराने वाले गृहस्वामियों पर कार्रवाई नहीं हुई। दस्तावेजों में दिखाया गया है कि कई गृहस्वामियों को धारा 41 ए दंड प्रक्रिया संहिता के तहत कई नोटिस भेजे गए हैं, जो उनसे जवाब देने को कहा गया है। महुआडांड थाना कांड संख्या 95/22 के अनुसंधानकर्ता पुलिस अवर निरीक्षक मो शाहरुख ने पहली नोटिस 8 नवंबर 2022 को सुनंदा नागपाल, पानीपत, हरियाणा को भेजी। लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक एक भी गृहस्वामी पर कार्रवाई नहीं की गई है।
इन मामलों में सूत्रों का कहना है कि लातेहार जिले में प्लेसमेंट एजेंसी और ब्यूरो चलाने वाले लोगों और गृहस्वामियों को लगातार नोटिस भेजे जा रहे हैं. दिल्ली, पानीपत, नोएडा, गाजियाबाद और चंडीगढ़ में भी नोटिस भेजे जा रहे हैं। लोगों को अपने घरों से बरामद किए गए किशोरों को क्यों बख्शा जा रहा है, यह समझ नहीं आ रहा है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम के पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नोटिस को लेकर कार्रवाई हो रही है। गृहस्वामी को सकारात्मक उत्तर नहीं मिलने पर उनके खिलाफ भी वही कार्रवाई की जाएगी जो मानव तस्करों के खिलाफ की गई है।