Dhanbad News: 1977 से कोयलांचल वासियों की आस्था का प्रतीक है ‘जाेड़ाफाटक राेड में स्थित राम मंदिर’
Dhanbad: 1977 में कोयलांचलवासियों की आस्था का प्रतीक जाेड़ाफाटक राेड में राम मंदिर । धनबाद के राम मंदिरों में से एक है, जहां संगमरमर की भगवान की मूर्ति छह फीट ऊंची है। राजस्थान से लाकर स्थापित की गई भगवान श्री राम की मोहिनी मूरत भक्तों को प्रेरित करती है।
भगवान श्री राम बायें हाथ में धनुष और दायें हाथ से भक्तों को आशीष देते हुए दिखाई देते हैं। माता सीता उनकी मूरत की बायीं तरफ खड़ी हैं। हनुमान लक्ष्मण की मूर्ति और चरणों के पास है। विशेष बात यह है कि मंदिर 37 साल पहले श्रीराम, सीता और हनुमान की मूर्ति स्थापित की गई थी। 30 वर्ष बाद भी लक्ष्मण की मूर्ति स्थापित की गई।
मंदिर का निर्माण रातिराम रिटोलिया ने किया था
राम मंदिर का निर्माण पुराना बाजार निवासी स्व. रतिराम रिटालिया ने किया था। इनके पिता पुरुषोत्तम रिटालिया कहते हैं कि दादाजी धार्मिक थे। पांच सौ वर्ष पहले श्रीराम मंदिर बनाने का फैसला किया गया था। मंदिर का निर्माण शुरू होने पर खुद भी ईंट ढोया।
इस दौरान वह भी चोटिल हो गए। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्होंने कुछ दिन एडमिट रहने के बाद भगवान राम का नाम लेते हुए अपनी जान दे दी। श्रीराम मंदिर में मां दुर्गा, लक्ष्मी-नारायण, राधा-कृष्ण, शिव परिवार और मां सरस्वती की मूर्तिओं के अलावा राम दरबार भी है।
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चौथी पीढ़ी कर रही है सेवा
मंदिर का संचालन स्व रति राम रिटोलिया के पोते पुरुषोत्तम रिटोलिया और परपोते रोहित रिटोलिया करते हैं। मंदिर में भक्ति का अलख तीसरी और चौथी पीढ़ियों ने जलाया है। उन्हें बताया गया था कि 22 जनवरी की सुबह छह बजे से 12 घंटे तक निरंतर हरिकीर्तन होगा।
दिन भर भक्ति कार्यक्रमों का आयोजन होगा। संध्या में 5100 दीपक जलाए जाएंगे। दीपक पूरे मंदिर को प्रकाशित करेंगे। प्रभु राम का भव्य पूजन होगा। बुध्दी का सवामनी का भाेग लगाया जाएगा। पूरे मंदिर को रंगीन आकर्षक प्रकाश से सजाया जाएगा। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में भक्तों ने रात भर आतिशबाजी की जाएगी। रामललामंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव होगा।
साल भर होते हैं धार्मिक कार्यक्रम
राम मंदिर में हर साल धार्मिक क्रियाएं होती रहती हैं। हर दिन शाम को एक महिला भजन मंडली भजन कीर्तन करती है। श्रीराम मंदिर में हर साल रामनवमी पर धूम-धाम से राम जन्मोत्सव मनाया जाता है, पुजारी दिनेश शर्मा ने बताया।
राम विवाह, देव दीपावली और अन्नकूट पर्व आयोजित किए जाते हैं। चैत्र नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि दोनों काफी धूमधाम से मनाया जाता है। चैत्र प्रतिपदा पर भारत माता का पूजन किया जाता है। रामनवमी, नवरात्रि और देव दीपावली को बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
मंदिर के पुजारी दिनेश शर्मा ने बताया कि राम लला ने यहां 32 साल से सेवा की है। हम भाग्यशाली हैं कि 22 जनवरी को यहां अयोध्या के रामलला मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाया जाएगा। मन बहुत प्रसन्न है। मंदिर में हर दिन कुछ कार्यक्रम होते हैं। जब निसान चढ़ाये जा रहे हैं, तो महिलाओं की एक मंडली भजन गाकर देवता को श्रद्धांजलि दे रही है।
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