Deoghar:- स्वास्थ्य विभाग ने सुदूर क्षेत्रों में, जहां अस्पताल की सुविधा नहीं है, चल चिकित्सा वाहन में स्वास्थ्य शिविर बनाकर लोगों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था देने का फैसला किया था।
झारखंड सरकार द्वारा शुरू किया गया चल चिकित्सा वाहन, जिले के दूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा देने के लिए बनाया गया था, लेकिन अब ये एम्बुलेंस कबाड़ में बदल गए है। इसलिए चल चिकित्सा वाहन की सुविधा अब पूरी तरह से बंद हो गई है। ऐसे में ग्रामीणों को अब स्वास्थ्य केंद्रों में जाना पड़ रहा है।
![Deoghar News: सरकार द्वारा शुरू किया गया चल चिकित्सा वाहन बने कबाड़, ग्रामीणों को हो रही इलाज में दिक्कत 2 जिले के दूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधा देने के लिए कबाड़ में बदल गया है।](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/02/%E0%A4%9C%E0%A4%BF%E0%A4%B2%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A6%E0%A5%82%E0%A4%B0-%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BE%E0%A4%AE%E0%A5%80%E0%A4%A3-%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B7%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE-%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%8F-%E0%A4%95%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%A1%E0%A4%BC-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AC%E0%A4%A6%E0%A4%B2-%E0%A4%97%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%88%E0%A5%A4-1024x576.webp)
इस चल चिकित्सा वाहन में नवीनतम सुविधाएं थीं। वाहन में दवा, छोटे एक्स-रे, चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी थे। वाहन को एनजीओ को संचालित करने का अधिकार दिया गया था। वाहन संचालन में लापरवाही से लाखों रुपये के वाहन धीरे-धीरे कबाड़ बन गए।
करीब एक साल से जिले में सभी पांच चल चिकित्सा वाहनों में से कोई भी नहीं चल रहा है। वाहनों की वर्तमान स्थिति ऐसी है कि उन्हें चलाना मुश्किल है।
तीन वाहन सिविल सर्जन कार्यालय के पीछे खड़े हैं
![Deoghar News: सरकार द्वारा शुरू किया गया चल चिकित्सा वाहन बने कबाड़, ग्रामीणों को हो रही इलाज में दिक्कत 3 झारखंड सरकार द्वारा शुरू किया गया चल चिकित्सा वाहन](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/02/%E0%A4%9D%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%96%E0%A4%82%E0%A4%A1-%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%B6%E0%A5%81%E0%A4%B0%E0%A5%82-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%97%E0%A4%AF%E0%A4%BE-%E0%A4%9A%E0%A4%B2-%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%BE-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%A8-1024x576.webp)
स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि जिले में एनजीओ द्वारा संचालित पांच चल चिकित्सा वाहन थे। इनमें से कोई भी चल चिकित्सा वाहन फिलहाल संचालित नहीं है। पांच वाहनों में से तीन सिविल सर्जन कार्यालय के पीछे खड़े हैं।
वहीं दो चल चिकित्सा वाहन आज भी एनजीओ के पास हैं: एक एनजीओ ह्यूमन, दूसरा लोहिया विकलांग सेवा समिति। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों वाहनों को एकत्र करने का आदेश दिया है।
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि पांचों चल चिकित्सा वाहनों में से कोई भी कार चलने लायक नहीं है। सभी वाहन खराब हो गए हैं। विभाग ने वाहनों की जांच कर उनकी स्थिति को लेकर जिला परिवहन विभाग को पत्र भेजकर उनकी स्थिति की जांच कर रिपोर्ट मांगी है।
चल चिकित्सा वाहन संचालन का उद्देश्य क्या था?
![Deoghar News: सरकार द्वारा शुरू किया गया चल चिकित्सा वाहन बने कबाड़, ग्रामीणों को हो रही इलाज में दिक्कत 4 इस चल चिकित्सा वाहन में नवीनतम सुविधाएं थीं](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/02/%E0%A4%87%E0%A4%B8-%E0%A4%9A%E0%A4%B2-%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%BE-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%A8-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%A8%E0%A4%B5%E0%A5%80%E0%A4%A8%E0%A4%A4%E0%A4%AE-%E0%A4%B8%E0%A5%81%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%8F%E0%A4%82-%E0%A4%A5%E0%A5%80%E0%A4%82-1024x576.webp)
स्वास्थ्य विभाग ने सुदूर क्षेत्रों में, जहां अस्पताल की सुविधा नहीं है, चलंत चिकित्सा वाहन से स्वास्थ्य शिविर बनाकर लोगों को समुचित चिकित्सा व्यवस्था देना था।
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इसके लिए गांव में हर महीने चौबीस घंटे स्वास्थ्य शिविर लगाया जाना था, चल चिकित्सा वाहन से। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को सुविधा देने के लिए, विभाग ने एक-एक वाहन पर 90 हजार से लेकर 1.40 लाख रुपये प्रति माह खर्च किए।
अध्यक्ष क्या कहते हैं?
तीन कार्यालय परिसर में पांच चल चिकित्सा वाहन संचालित थे। वहीं, दो और लोगों को एकत्र करने को कहा गया है। सभी वाहन ध्वस्त हो गए हैं। ये वाहन अब संचालित नहीं हो सकते। इसे लेकर विभाग को लिखित सूचना भी दी गई है।
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