Gumla : गुमला में 12 Km बाइपास सड़क का निर्माण, जिसका खर्च 66.89 करोड़ रुपये था, 8 वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका। इसकी मांग लंबे समय से है। 2016 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इसका उद्घाटन किया था। अब भी 2 साल में बनने वाली सड़क पूरी नहीं हुई है। नए ठेकेदार अब काम करेगा।
गुमला में 12 KM बाइपास सड़क का निर्माण, जिसका खर्च 66.89 करोड़ रुपये था, 8 वर्ष में भी पूरा नहीं हो सका। CM रघुवर दास ने 2016 में खुद गुमला बाईपास का शिलान्यास किया, जो बहुत जरूरी था। 2018 में सड़क को 2 वर्ष में पूरा करना था। लेकिन विभाग, प्रशासनिक अधिकारी और जनप्रतिनिधि 8 वर्षों में भी सड़क निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाए।
सड़क ठेकेदार को विभाग ने टर्मिनेट किया
ऐसा भी नहीं है कि जनप्रतिनिधि और अधिकारी ने निर्माण कार्य पूरा करने की कोशिश नहीं की होगी, लेकिन ठेकेदार मेसर्स संजय अग्रवाल कंस्ट्रक्शन की मांग और संघर्ष असफल रहे। 2018 में, विभाग ने ठेकेदार को निर्धारित समय में निर्माण कार्य पूरा नहीं करने पर टर्मिनेट कर दिया था. हालांकि, टर्मिनेट करने वाले अधिकारी को मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी से गुस्सा आया।
नया ठेकेदार करेगा सड़क का काम पूरा
तत्कालीन उपायुक्त ने भी बाईपास सड़क निर्माण को पूरा करने में उत्साह दिखाया। साथ ही, उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की। उक्त पत्र को देखते हुए, ठेकेदार को 2023 में फिर से टर्मिनेट कर दिया गया। इस बार ठेकेदार ने कुछ नहीं कहा। अब निर्माण कार्य को दूसरा ठेकेदार पूरा करेगा।
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वर्षा से हुए मिट्टी के कटाव को दुरुस्त करने के लिए उच्च स्तरीय पुल और अपूर्ण सड़क भी बनाए जाएंगे। प्राक्कलन लगभग 13.50 करोड़ रुपये का है। जो मंत्रालय को नए शिड्यूल की स्वीकृति के लिए भेजा गया है। यह काम कम से कम 1,6 वर्षों में पूरा होगा।
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निर्माण कार्य अपूर्ण होने से सड़क के किनारे वाले हिस्से वर्षा के दौरान तेजी से गिर रहे हैं। सड़क के किनारे वर्षा से बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। पुल के आसपास कई जगह कटाव हुआ है। सड़क के किनारे का बहुत बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाएगा अगर इस कटाव को जल्दी ठीक नहीं किया गया।
गुमला का दुर्भाग्य है कि 12 KM की सड़क 8 वर्षों में पूरी नहीं हो पाई है। कांग्रेस ने निर्माण को पूरा कराने के लिए धरना दिया। राज्य सरकार को भी वस्तुस्थिति की जानकारी दी गई थी। लेकिन राज्य सरकार इस पर दबाव नहीं बना पाई क्योंकि यह मामला सीधे केंद्र सरकार से जुड़ा था। सड़कों का निर्माण लोगों को आवागमन में सुविधा देता है। बाइपास के किनारे का निर्माण होता- चैतु उरांव, गुमला जिला कांग्रेस अध्यक्ष
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