रौतिया समाज ने चेतावनी दी, अगर आदिवासी दर्जा नहीं दिया गया तो रांची से दिल्ली तक महाआंदोलन होगा
गुमला: गुमला में हुए बड़े सम्मेलन में झारखंड, ओड़िशा, छतीसगढ़, बंगाल और आसाम के रौतिया जाति के लोगों ने हुंकार भरी है। सरकार को चेतावनी दी गई है कि अगर रौतिया जाति को आदिवासी दर्जा नहीं दिया गया तो रांची से दिल्ली तक बड़े आंदोलन होंगे। कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं। रौतिया जाति संसदीय क्षेत्रों में कई सीटों को प्रभावित कर सकती है।
चुनाव से पहले रौतिया जाति को आदिवासी दर्जा देने के बारे में सरकार से स्पष्ट फैसला लेने की मांग की है। लालदेव सिंह, अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष, ने बख्तर साय व मुंडन सिंह सभागार में आयोजित महासम्मेलन में कहा कि भारी बारिश के बावजूद हमारे समाज के लोगों ने संकल्प यात्रा को सफल बनाया है।
इसके लिए तुम सभी बधाई पात्र हो। कहा कि रौतिया समाज हमेशा छला जाता है, जिससे वह बहुत आक्रोशित है। रौतिया समाज अब जागरूक हो गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आज हमने अपने संगठन की शक्ति दिखाई है। हमारी सही मांग है कि हमें आदिवासी दर्जा दिया जाए।
सरकार ने सुनवाई नहीं की तो महत्वपूर्ण फैसला लेंगे: श्री ओमप्रकाश
1872 की जनगणना में रौतिया जाति को आदिवासी माना गया था, छत्तीसगढ़ राज्य के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश साय ने बताया। लेकिन हमसे आदिवासी दर्जा छीन लिया गया, राजनीति और षडयंत्र से। कहा कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती। हम केंद्र सरकार के खिलाफ काम करने लगेंगे। हम सरकार से मांग करते हैं कि वे हमारी मांगों पर ध्यान दें, नहीं तो मजबूरी में बड़े निर्णय लेने पड़ेंगे।
नेताओं को गांव में प्रवेश नहीं मिलेगा: योगी
झारखंड राज्य के प्रदेश अध्यक्ष रोहित सिंह ने बताया कि रौतिया समाज झारखंड में 1972 से काम कर रहा है। सरकार हमेशा हमारे फाइल केंद्र को भेजती है। लेकिन हमारे फ़ाइल वापस भेजे जाते हैं। सरकार इसके लिए जिम्मेदार है। हम अपनी मांगों को लेकर सड़क से सदन तक चले जाएंगे। हम रौतिया गांव में नेताओं को घुसने से रोकेंगे अगर जरूरत होगी।
बारिश में भी हमारे पैर नहीं थमे: धर्मवीर
धर्मवीर सिंह, झारखंड प्रदेश मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता, ने कहा कि यह सिर्फ एक शुरुआत है। आज रौतिया जाति अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए २० किमी पैदल चला है। हम गुमला से रांची तक 100 किमी पैदल चलेंगे अगर सरकार नहीं सुनेगी। हम पूरे राज्य से दिल्ली पहुंचकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे अगर सरकार चुप रहती। उसने कहा कि भारी बारिश में भी रौतिया लोगों के पैर सड़कों पर चलते रहे। हम चलते रहे और आदिवासी दर्जा देने की अपनी मांग को उठाया है।
महासम्मेलन में उपस्थित वरिष्ठ व्यक्ति
महासम्मेलन में प्रदेश मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता धर्मवीर सिंह, गोपाल सिंह, लालमोहन सिंह, रामप्रताप सिंह, सालिक राम सिंह, हीरा प्रसाद सिंह, भरत सिंह, रवींद्र सिंह, जगेश्वर सिंह, महेश सिंह महेंद्र सिंह, संदीप सिंह, श्यामसुंदर सिंह, जगतपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह, बुद्धनाथ सिंह, बहादुर सिंह, हेमंत सिंह, तनवीर सिंह, दुर्गा सिंह, राज