Ranchi News: IIM रांची करेगी दारुबंदी का विश्लेषण, बिहार में 2 लाख परिवारों तक जाएगी IIM रांची की टीम
Ranchi: बिहार में दारुबंदी कानून का असर पता लगाने के लिए सर्वेक्षण एक से 2 दिनों में शुरू हो जाएगा। भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रांची को शराबबंदी का सर्वे करने का काम मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने दिया है। राज्य के सभी जिलों के पंचायतों और शहरी निकायों में सर्वे होगा। विभागीय सूचना के अनुसार, IIM टीम शराबबंदी सर्वे के दौरान एक लाख घरों तक जाएगी।
बिहार में शराबबंदी कानून का असर पता लगाने के लिए सर्वेक्षण एक से 2 दिनों में शुरू हो जाएगा। भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), रांची को शराबबंदी के सर्वेक्षण का काम मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने दिया है। राज्य के सभी जिलों के पंचायतों और शहरी निकायों में सर्वे होगा।
IIM, रांची की टीम शराबबंदी सर्वे के दौरान 1 लाख घरों तक जाएगी, विभागीय सूचना के अनुसार। घरों का चयन रैंडम होगा। घरों की संख्या अगर आवश्यक हो तो बढ़ा दी जा सकती है। सर्वे के दौरान एक विशेष टीम घर-घर जाएगी और लोगों से इस कानून पर उनकी राय पूछेगी।
शराबबंदी लागू होने के बाद लोगों के जीवन में क्या बदलाव आया, शराबबंदी जारी रहनी चाहिए या नहीं, जैसे कई प्रश्न उठेंगे। इसके बाद एक विस्तृत रिपोर्ट बनेगी। विभाग ने कहा कि सर्वे की पूरी रिपोर्ट लगभग एक से डेढ़ महीने में मिल सकती है। 26 नवंबर को मद्य निषेध दिवस पर एक कार्यक्रम में CM नीतीश कुमार ने शराबबंदी का सर्वे कराने की घोषणा की। उस समय से ही संस्था की खोज की जा रही थी, जो अब समाप्त हो चुकी है।
अभी तक 3 बार दारुबंदी हो चूका है सर्वे
शराबबंदी लागू होने के बाद से राज्य सरकार ने अब तक तीन बार सर्वे कराया है। राज्य की 99 प्रतिशत महिलाओं ने पिछले साल फरवरी में जारी तीसरी सर्वे रिपोर्ट में शराबबंदी का समर्थन किया था। वहीं 92 प्रतिशत पुरुष शराबबंदी के पक्ष में थे।
Sarve रिपोर्ट के अनुसार, करीब 96 प्रतिशत लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया है। 2017 में आद्री और जगजीवन राम शोध संस्थान ने इससे पहले सर्वे किया था। 2022 में, चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय ने एएन सिन्हा सामाजिक अध्ययन संस्थान, पटना के शोधकर्ताओं के सहयोग से चार हजार लोगों पर एक सैंपल सर्वे भी बनाया था।