Ranchi : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने हाइकोर्ट जा रही महिला अधिवक्ता की स्कूटी दुर्घटना मामले में उनके आवेदन पर प्राथमिकी नहीं दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान प्रार्थी का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने रांची पुलिस की कार्यशैली पर गहरी नाराजगी जताई।
फटकार लगाते हुए पूछा कि लिखित आवेदन देने के बावजूद प्राथमिकी क्यों नहीं दर्ज की गई? रात में सीजर क्यों दिखायी गयी, जबकि घटना सुबह हुई थी और गाड़ी भी जब्त की गयी थी? अदालत ने महिला अधिवक्ता की गाड़ी को आज ही व्यक्तिगत बांड पर छोड़ने का आदेश दिया। साथ ही शिकायतकर्ता ने महिला अधिवक्ता को प्राथमिकी देने का आदेश दिया।
![Ranchi News : अधिवक्ता का केस दर्ज नहीं करना पड़ा पुलिस अधिकारी को पड़ा भारी 'जाने क्या है पूरा मामला' 2 झारखंड हाई कोर्ट](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/03/%E0%A4%9D%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%96%E0%A4%82%E0%A4%A1-%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%88-%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%9F-1024x576.webp)
अगले सप्ताह मामले की अगली सुनवाई होगी। मामले की सुनवाई के दौरान धुर्वा थाना प्रभारी और सिटी SP सशरीर उपस्थित होंगे । महिला अधिवक्ता प्रोजेक्ट बिल्डिंग रोड से हाइकोर्ट जा रही थी, अधिवक्ता नवीन कुमार (पूर्व प्रार्थी एडवोकेट एसोसिएशन) ने बताया। 3 लोग बिना नंबर की एक मोटरसाइकिल पर सवार थे। महिला अधिवक्ता की स्कूटी बचाव में खेत में चली गई। महिला अधिवक्ता को वहाँ से निकाला गया। इस दौरान धुर्वा पुलिस चुपचाप देखती रही।
पुलिस ने कहा कि जाओ, क्योंकि आपकी गाड़ी थाना में होगी शाम को पुलिस ने कहा कि आप पारस हॉस्पिटल जाकर दूसरी पार्टी से बातचीत करेंगे। महिला अधिवक्ता ने लिखित शिकायत दी, लेकिन धुर्वा पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की। गाड़ी भी नहीं दी गई थी। बाद में मामला एक्टिंग चीफ जस्टिस की खंडपीठ में पेश किया गया। बाद में एडवोकेट एसोसिएशन ने क्रिमिनल रिट याचिका दायर की, जो एकल पीठ ने सुनवाई की।
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