Lohardaga News: लोगो को पोक्सो और जूविनाइल जस्टिस कानून में संरक्षण के बारे में बताया गया
Lohardaga: सिविल कोर्ट परिसर लोहरदगा में विधिक सेवा प्राधिकार ने बच्चों के साथ यौन अपराधों और पोक्सो एक्ट पर एक कार्यशाला का आयोजन किया। न्यायिक, पुलिस, मेडिकल, बाल कल्याण विभागों के अलावा अधिवक्ता, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि और संबंधित पक्षकार इसमें शामिल हुए।
पीडीजे सह अध्यक्ष डालसा राजेंद्र बहादुर पाल, एसपी हारिश बिन जमां, फैमली जज सुभाष, पोक्सो स्पेशल जज अखिलेश कुमार तिवारी, डीएलएसए सचिव राजेश कुमार और जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डा प्रमोद कुमार पुजारी ने कार्यशाला की शुरुआत करते हुए दीपक प्रज्वलित किए।
PDJE ने कहा कि यौन अपराधों में गंभीर जांच की जरूरत है। केसों का निबटारा करते भी समय का ध्यान रखें। डालसा के कार्यक्रमों की प्रशंसा की और भागीदारों से अधिकाधिक लाभ लेने की अपील की। कहा कि प्रतिभागी अधिक से अधिक प्रश्न पूछकर संदेहों को दूर करें। ताकि अधिनियम सही ढंग से लागू हो सके।
अखिलेश कुमार तिवारी, प्रथम जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो कोर्ट, ने प्रतिभागियों को पोक्सो कानून के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। कहा कि पोक्सो कानून बच्चियों के विरुद्ध यौन दुर्व्यवहार को रोका जा रहा है।
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क्योंकि इसमें दोषी को कठोरतम सजा दी गई है और प्राथमिक स्तर पर यौन अपराध से संबंधित मामलों को तेजी से निपटारा किया जाता है उन्होंने भागीदारों को पोक्सो कानून के विभिन्न प्रावधानों से परिचित कराया। प्रधान मजिस्ट्रेट पूजा कुमारी लाल ने पोक्सो कानून और जूविनाइल जस्टिस कानून में बालकों के संरक्षण के बारे में बताया। जबकि प्रोबेशन आफिसर अनुराग मेराज टोप्पो ने एसआई रिपोर्ट और बच्चे और उसके माता-पिता की काउंसलिंग की आवश्यकता पर जोर दिया।
सदर अस्पताल के डीएस डॉ. शंभू नाथ चौधरी ने कहा कि चिकित्सकों को अपनी जांच में पोक्सो के हर बिंदु को गंभीरता से देखना और समझना चाहिए। क्योंकि पीड़िता और उनके परिवार को इस स्थिति में भय सताता रहता है जो डॉक्टर सावधानीपूर्वक निकाल सकते हैं। चिकित्सा के दौरान सभी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए जो पीड़िता को न्याय दिलाने में मदद कर सकते हैं।
पूरे कार्यक्रम के दौरान पीडीजे राजेन्द्र बहादुर पाल और एसपी हारिश बिन जमां सहित न्यायिक पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। और प्रशिक्षण में भाग लेने वाले पुलिसकर्मी और चिकित्सक के प्रश्नों और संदेहों को दूर किया। ताकि पीड़िता को पोक्सो और जेजे कानूनों के तहत न्याय मिल सके।
जिला जज थ्री अरविन्द कुमार, सीजेएम डॉ. चंदन, सीनियर सिविल जज अर्चना कुमारी, पीएम जेजेबी पूजा कुमारी लाल, सचिव डीएलएसए राजेश कुमार, प्रशिक्षु आईपीएस बेदान्त शंकर और डॉ. दिप्ती कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्राधिकार के सचिव राजेश कुमार और अधिवक्ता लाल धर्मेन्द्र देव ने कार्यक्रम का संचालन किया।
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