Dhanbad News: प्रदूषण बढ़ने से, सांस के रोगियों की संख्या में तेजी से हो रही है वृद्धि
Dhanbad: वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच रही है । धनबाद नगर निगम द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2 दिन पहले 5-6 जनवरी को धनबाद में एक्यूआई लेवल 200 से अधिक रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा इसे लोगो के लिए हानिकारक मन जाता है ।
नगर आयुक्त रविराज शर्मा ने बताया कि अब नगर निगम हर हफ्ते शहर में प्रदूषण की स्थिति को लेकर साप्ताहिक वायु गुणवत्ता बुलेटिन निकालेगा। इसमें पिछले एक हफ्ते में धनबाद में वायु प्रदूषण की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाएगी। इससे लोगों को प्रदूषण से बचने और इससे निपटने के उपाय पर के बारे मैं बताया जायेगा ।
शहर में प्रदूषण की मुख्य वजह हवा में मौजूद पीएम 2.5 के स्तर में अत्यधिक इजाफा है. कई क्षेत्रों में पीएम 2.5 का स्तर 200 के पार पहुंच रहा है. बनियाहीर में बुधवार को पीएम 2.5 का स्तर 232.64 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया.
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इसके साथ ही एलसी रोड पर पीएम 2.5 का स्तर 156.24 दर्ज किया गया. शहर में सबसे अधिक स्वच्छ हवा आइआइटी आइएसएम कैंपस का माना जाता है. बुधवार को यहां भी पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 168.58 दर्ज किया गया.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तय मानक के अनुसार पीएम 2.5 का अधिकतम स्तर 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर होना चाहिए. लेकिन अभी कई इलाकों में यह स्तर तय मानक से दोगुना से अधिक पहुंच गया है. विशेषज्ञों के अनुसार, आने वाले दिनों में बढ़ती ठंड के साथ वायु प्रदूषण के स्तर में भी वृद्धि देखने को मिल सकती है.
प्रदूषण बढ़ने के कारण सांस के रोगियों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है . जो लोग पहले से ही श्वास की बीमारी से जूझ रहे हैं, उनके लिए अभी का वक्त काफी गंभीर हो सकता है. शहर के अस्पतालों में अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीज संख्या मैं वृद्धि देखने को मिली है . गले में खराश और खांसी से तो कई लोग परेशान हैं. इसकी मुख्य वजह भी वायु प्रदूषण है.
पीएम 2.5 क्यों खतरनाक है
गैसोलीन, तेल, डीजल या लकड़ी के दहन से पीएम 2.5 का अधिक उत्पादन होता है. अपने छोटे आकार के कारण, पार्टिकुलेट मैटर फेफड़ों में गहराई से खींचा जा सकता है और पीएम 10 की तुलना में अधिक खतरनाक हो सकता है .
सर्दियों मई तेज़ी से वृद्धि होने की वजह
विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में वायु प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण हवा के घनत्व का बढ़ना और तापमान का कम होना है. हवा के घनत्व के बढ़ने और तापमान के कम होने के कारण प्रदूषित हवा ऊपर नहीं उठ पाती है. यह नीचे रह जाती है.
वहीं गर्मियों में तापमान अधिक होने के कारण हवा का घनत्व कम होता है. प्रदूषित हवा गर्म हवा के साथ वातावरण में ऊपर तक फैल जाती है. इस कारण गर्मियों में प्रदूषण का स्तर ज्यादा नहीं बढ़ता है.
10 जगहों पर वायु गुणवत्ता मॉनिटर लगाए गए हैं
नगर निगम द्वारा वायु गुणवत्ता सूचकांक संबंधी आंकड़े के लिए शहर में 10 जगह पर वायु गुणवत्ता मॉनिटर लगाए गए, जिनमें से दो मॉनिटर के आधार पर निगम ने रिपोर्ट जारी की है। शहर में पांच डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से रियल डाटा का प्रसारण किया जायेगा ।
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प्रदूषण की मात्रा
- 1 जनवरी 191
- 2 जनवरी 164
- 3 जनवरी 186
- 4 जनवरी 113
- 5 जनवरी 232
- 6 जनवरी 251
- 7 जनवरी 114
प्रदूषण की मात्र एक्यूआई श्रेणी में। एक्यूआई का लेवल 101-200 के बीच को मॉडरेट माना जाता है। वहीं 201-300 के बीच के आंकड़े को खतरनाक माना जाता है।