Hazaribagh News: नौकरी का झांसा देकर नेपाल के नागरिक से 4 लाख रुपये लुटे
Hazaribagh:- हजारीबाग में एक विदेशी नागरिक से ठगी का मामला सामने आया है। नेपाल से हजारीबाग पहुंचे दीपक परिहार के पिता चन्द्र बहादुर परिहार ने बताया कि उनके पास चार
हजारीबाग में एक विदेशी नागरिक से ठगी का मामला सामने आया है। नेपाल के दीपक परिहार के पिता चन्द्र बहादुर परिहार ने हजारीबाग पहुंचकर बताया कि उनसे चार लाख 10 हजार रुपए ठगी की गई है। SRP ट्रेड मार्ट मटवारी गांधी मैदान में चलाया जा रहा है। यह आरोप लगाया जाता है कि संचालक नेपाल के नागरिकों को नौकरी के लिए हजारीबाग लाते हैं और उनसे नेटवर्किंग करवाते हैं।
कोर्रा थाने में दाखिल आवेदन में कहा गया है कि वे कंपनी में काम करने के बदले वेतन लेने पहुंचे तो धक्के मारकर निकाल दिया गया। उनसे पैसे भी लिए जाते हैं। किंतु मार्ट से जुड़े लोग इस बारे में कुछ भी कहना नहीं चाहते हैं। हजारीबाग में बुधवार को दीपक परिहार ने बताया कि उन्होंने संचालकों को ऑनलाइन भुगतान किया था। बताया गया कि बहादुर ने उन लोगों को काम के लिए बुलाया था।
फिर वह बरडीहा, नेपाल के जिला सदर से कुछ नेपाली लोगों को लेकर हजारीबाग पहुंचे। सभी को धन के बदले काम करने का वादा किया गया था। इसलिए सभी ने 4,10,000 रुपये ऑनलाइन खर्च किए। लेकिन यहां वे कपड़ा बेचने के लिए थम गए। जब उन्होंने इनकार किया, उन्होंने विदेशी भाषा और अन्य अभद्र भाषा बोलने वालों को बाहर निकाला। फिर वे सभी नेपाल गए।
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वह बुधवार को नेपाल से हजारीबाग पहुंचा और मटवारी स्थित एक प्रतिष्ठान में गया, जहां संचालकों ने बताया कि उनके जीजा को बकाया पैसा दिया गया है क्योंकि उसे रोजगार नहीं मिला और घर में पैसे की कमी थी। जीजा फोन पर हर दिन बात करती है। लेकिन जीजा ने कहा कि उनके पास कोई पैसा नहीं है। वह दो दिन से खाना नहीं खाया है। जिस समय तक हम हजारीबाग में रहे हैं खाने वाले पीए हैं। उसे भी काट लो। लेकिन मेरी बचत दे दो। लेकिन संचालकों को शान्ति के बजाय क्रोध आया।
उन्हें नेपाली मानकर मारपीट करने लगे। फिर पुलिस को धमकी देने लगे। आधा किलोमीटर पीटीसी चौक तक पीछे से धक्का मारते हुए भाग गया। शहर में नजर नहीं आना चाहिए, कहा। नेपाल से आए दीपक परिहार ने बताया कि उन्होंने कोर्रा थाना पुलिस को सूचना दी है। पीड़ित थाना आया हुआ था, कोर्रा थाना प्रभारी शमशेर बहादुर ने बताया। वह भी हिंदी में अच्छी तरह से बोल रहा था। भी आवेदन लिख नहीं पाया। उन्होंने थाना में उपस्थित ओडी अधिकारी से आवेदन किया है। मामले को पुलिस जांच कर रही है। इस मामले में जिसका दोष होगा बक्सा उनके पास नहीं जाएगा।
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