Simdega News: गावँ वालो को महुआ का सही दाम ना मिलने से हुए नाराज
Simdega: झारखंड में गर्मी का मौसम आते ही झारखंड के सिमडेगा में बहुत से लोग वन उत्पादों पर निर्भर रहते है। इन जगहों पर बहुत से लोग वनो से मिलने वाले उत्पादो से ही अपना रहन सहन करते है और इसके साथ ही ये सब झारखंड का सबसे महत्वपुर्ण उत्पाद महुआ को बेच कर भी अपना खर्चा निकाल लेते है।
सिमडेगा की बडी आबादी
झारखंड के ये जिला की एक बहुत बड़ी आबादी पूरी तरह से वन उत्पादों पर निर्भर है और इसके साथ ही इनकी सबसे ज्यादा आय महुआ से आती है। लेकिन इन सभी को महुआ का सही मूल्य नहीं मिल पाता है क्योंकि यहां पर कोई भी तरह की सरकारी मंडी नहीं है जिस कारण से इन सभी को महुआ का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है।
अगर आप सिमडेगा में घूमने जाएंगे तो आपको हर तरफ सिर्फ महुआ का फूल ही नज़र आएगा। यहां के अधिकतर लोग रोज सुबह जल्दी उठकर महुआ के फूल को चुनने जाते है। महुआ का फूल हमेसा सूर्योदय के साथ ही गिरता है। सब कोई इन फूल को चुनकर पहले इसे सुखाते है फिर इसके बाद वे इन सब सूखे हुए फूल को बाजार में बेच देते है और फिर अपनी जरूरत के सामानो को खरीदते है।
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