Hazaribagh:- अब वह दौर समाप्त हो चुका है, जब नारियां पर्दे के पीछे रहती हैं। अब इन शक्तिशाली नारियों का समय है। कई महिलाओं ने सामाजिक चुनौतियों का सामना किया ।
अब वह दौर समाप्त हो चुका है, जब नारियां पर्दे के पीछे रहती हैं। अब इन शक्तिशाली नारियों का समय है। सामाजिक चुनौतियों को स्वीकार करते हुए कई महिलाओं ने बुलंदी के झंडे गाड़े हैं। यह दिखाया है कि दहलीज के बाहर भी महिलाएं कामयाबी की बुलंदियों को छू सकती हैं। जिस पर राज्य, जिला, प्रदेश और देश भी गर्व कर सकें। रीमा मिश्रा भी महिलाओं में लोकप्रिय है।
वास्तव में, जब रीमा मिश्रा एक बहु के रूप में हजारीबाग के बड़कागांव पहुंची, किसी ने नहीं सोचा था कि वह नारी शक्ति को प्रसारित करेगी। लेकिन पति विनय मिश्रा, चाणक्य आईएएस एकेडमी के वाइस प्रेसिडेंट, अपनी प्रतिभा के बलबूते से कंधे से कंधा मिलाकर न केवल आगे बढ़ीं। बल्कि दिल्ली, अहमदाबाद और जयपुर में चाणक्य आईएएस एकेडमी की शाखाओं में भी महत्वपूर्ण काम किया। सैंकड़ों ने महिलाओं को प्रेरणा दी।
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मिश्राजी चाणक्य आईएएस एकेडमी की कई शाखाओं के संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देने के बाद, वे फिलहाल हजारीबाग, रांची और धनबाद सहित देश भर की चाणक्य आईएएस एकेडमी की 25 शाखाओं में बतौर जेनरल मैनेजर कार्यरत हैं। रीमा मिश्रा ने शिक्षा के अलावा सामाजिक कामों में भी उत्सुकता दिखाई है।
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उन्हें गांवों और दूरदराज की महिलाओं को उनके कर्तव्यों और अधिकारों का ज्ञान दिया, जिससे बहुत सी गांवों की महिलाएं ना सिर्फ जागरूक हुईं बल्कि सशक्त भी हुईं। मिश्रा का दिनचर्या अब महिलाओं और बच्चियों के साथ बैठकर उनकी परेशानियों को सुनकर उन्हें समाधान के रास्ते पर चलने को प्रेरित करता है।
यही कारण है कि 2016 में पूर्व राज्यपाल और वर्तमान राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू ने रीमा मिश्रा को बेस्ट अकादमी मैनेजमेंट पुरस्कार भी दिया था। वह बताती हैं कि मैं कुमारी पूजा रानी, अंकिता राय, सुमन गुप्ता, मिताली राज, सिमरन, वेदवंती, यशोधरा और अन्य हजारों बेटियों और नारियों को शिक्षा क्षेत्र से जोड़ कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। जो सिविल सेवा में सफलता हासिल करके देश और दुनिया भर में देश का नाम रोशन कर रहीं हैं
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उन्होंने कहा कि मेरे पति और विनय मिश्रा को इसका पूरा श्रेय जाता है, जो मुझे शुरुआती दौर में संस्थान से जोड़ा और मुझे चुनौतियों को स्वीकार कर उनका सामना करने में हौसला बढ़ाया। वह कहती हैं कि देश, समाज और परिवार के उज्ज्वल भविष्य के लिए महिला सशक्तिकरण अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कहा कि हाल ही में विकास की मुख्य धारा में महिलाओं को शामिल करने के लिए कई सरकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन महिलाओं को पूरी तरह से जागरूक नहीं किया जाएगा, तब तक उन्हें इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि नारियां संसार बनाती हैं। इसलिए उन्हें अपनी शक्ति को समझना होगा।
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