Ranchi News: आज कल बहुत बढ़ गया है सांप और कुत्तो का आतंक

Tannu Chandra
3 Min Read
झारखंड में सांप और कुत्तों से रहें सावधान

Ranchi:- झारखंड में रहने वाले लोगों को सांप और कुत्तों से सावधान रहना चाहिए। हर जिले में सांप और कुत्ते की संख्या अधिक है। वर्ष के दौरान राज्य के सरकारी अस्पतालों में कुत्ते के काटने के 14,438 मामले दर्ज किये गये। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, झारखंड में हर साल कुत्ते के काटने से (वित्तीय वर्ष 2023-24) 50 लोगों की मौत हो जाती है।

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वहीं, सांप के काटने से हर साल 15 लोगों की मौत हो जाती है। इस वित्तीय वर्ष में सरकारी अस्पतालों में सर्पदंश के 1162 मरीज आये। सदन में कुत्तों के आतंक का मुद्दा भी उठाया गया। सदन ने आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए डॉग स्क्वायड की मांग की। बता दें कि 10,000 लोगों में से केवल 72 लोगों के पास ही कुत्ते पालने का लाइसेंस है। नगर निगम ने कहा कि मेसर्स होप एंड एनिमल ट्रस्ट रांची नगर निगम क्षेत्र में आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए अभियान चलाता है।

कुत्ते के काटने से (वित्तीय वर्ष 2023-24) 50 लोगों की मौत हो जाती है
कुत्ते के काटने से (वित्तीय वर्ष 2023-24) 50 लोगों की मौत हो जाती है

प्रतिदिन दस से पंद्रह कुत्तों का टीकाकरण और बंध्याकरण किया जाता है। चास नगर निगम क्षेत्र भी यही कर रहा है। गिरिडीह, धनबाद और देवघर नगर निगम में आवारा कुत्तों का बंध्याकरण नामित संस्थानों द्वारा किया जा रहा है। आदित्यपुर, जमशेदपुर और हजारीबाग नगर निगम क्षेत्र में एजेंसी चयन का काम चल रहा है।

शहरी इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या का कोई आंकड़ा नहीं है।

सांप के काटने से हर साल 15 लोगों की मौत हो जाती है
सांप के काटने से हर साल 15 लोगों की मौत हो जाती है

रांची में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। सदर अस्पताल में प्रतिदिन आवारा कुत्तों के काटने से संबंधित करीब 200 मामले आते हैं। एंटी रेबीज काउंटर पर भी प्रतिदिन टीका लगवाने वालों की लंबी सूची है। रांची नगर निगम ने राजधानी में कुत्तों की देखभाल के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 2013 में होप एंड एनिमल ट्रस्ट की नियुक्ति की थी। हालांकि, नगर निगम के पास शहरी क्षेत्र के आवारा कुत्तों की सूची नहीं है। संस्था ने पिछले दस साल में एक लाख चार हजार आवारा कुत्तों को बचाया है।

मलेरिया और टाइफाइड के मरीज भी बढ़े

राज्य में मलेरिया और टाइफाइड के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। वित्तीय वर्ष 2020-2024 में राज्य के सरकारी अस्पतालों में टाइफाइड के 9,871 मामले थे। जबकि 23,479 लोगों की जांच की गई। डेंगू के 686, डिप्थीरिया के 09, चिकनगुनिया के 11 तथा खसरे के 81 मरीजों की जांच की गई।

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मैं Tannu Chandra, मुझे ऑटोमोबाइल "बाइक्स" में पिछले 3 वर्षो का अनुभव है, मुझे बाइक्स और गाड़िओ का ब्लॉग लिखना बहुत पसंद है इसलिए मैं India07.com में एक राइटर के रूप में काम कर रही हूँ और बचे समय में Joharupdates के लिए अपने आस-पास के न्यूज़ को भी साझा कर देती हूँ।
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