Ranchi News: जाने क्यों सरहुल है आदिवासियों के लिए है इतना खास?
Ranchi: रांची में सरहुल मना रहे आदिवासियों से बात करने पर उन्होंने कहा की सरहुल प्रकृति के लिए मनाया जाता है और सरहुल का महीना आदिवासियों के लिए नया साल भी कहा जाता है। आदिवासियों ने कहा की इस दिन इस दिन हमारे घर में नए साल में उपजा पूजा के लिए कटहल की सब्जी और हरे पत्तो जैसे पुटकल का साग बनाया जाता है। इसके अत्रिक सरहुल के दिन आदिवासियों के घर में निमकी, ठेकुआ ,जैसे पकवान भी बनाये जाते है।
और एक महिला आदिवासी से सरहुल मानाने और अब मानाने में अंतर पूछा तो उस महिला ने कहा की पहले सरहुल इस तरह से नहीं मनाया जाता था। पहले सिर्फ आदिवासी सिर्फ अपने घर में अलग-अलग पूजा करते थे और नाच गाना भी नहीं होता था। लेकिन अब पुरे बदल चूका है अब सब मिलाकर सरहुल को मानते है। और नाच गाना भी होता है।
इसी दौरान एक आदमी ने सरहुल पर कहा की सरहुल के दिन हम आदिवासी लोग प्रकृति की पूजा करते है। जिसमे पेड़, सूर्य , पानी की पूजा करते है। इस सरहुल के त्योहार को आदिवासी कई दसको से मानती आ रही है और इसी आगे भी आगे भी मनाया जायेगा
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