Garhwa

झारखंड: भूख से मौत, परिवार को कई महीनों से नहीं मिल रहा था राशन; कौन जिम्मेदार…

झारखंड: भूख से मौत, परिवार को कई महीनों से नहीं मिल रहा था राशन, गढ़वा के डंडई प्रखंड कार्यालय के निकट रह रहे मुसहर परिवार को पिछले सात महीनों से खाना नहीं मिला है। अब वे भुखमरी की स्थिति में हैं।

अब उन्हें भीख भी नहीं मिलती क्योंकि वे सुखाड़ हो गए हैं। गरीब परिवारों को सरकारी अनाज नहीं मिलता है। सरकार की बड़ी ग्रीन कार्ड राशन योजना काम नहीं कर रही है।

गढ़वा: डंडई प्रखंड कार्यालय के निकट रह रहे मुसहर परिवारों को पिछले सात महीनों से भोजन नहीं मिल रहा है। अब वे भुखमरी में हैं। बुधवार को 50 वर्षीय सुरेश मुसहर की भूख जनित बीमारी (भोजन की कमी) से मौत हो गई है।

परिवार को कई महीनों से नहीं मिल रहा था रासन
परिवार को कई महीनों से नहीं मिल रहा था रासन

सुखाड़ से भीख नहीं मिलती

मरने वाले शंकर मुसहर, उमेश मुसहर, दिनेश मुसहर और महेंद्र मुसहर ने बताया कि पिछले सात महीने से उनका परिवार भोजन नहीं पाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुखाड़ की नौबत से भीख नहीं मिलती है।

समय पर भोजन नहीं मिलने से सुरेश मुसहर कमजोर हो गया और अंततः मर गया। डंडई के बीडीओ चोनाराम हेंब्रम ने कहा कि सुरेश मुसहर की मौत का कारण जांच किया जा रहा है।

गरीब परिवारों को सरकारी अनाज नहीं मिलता

Hemant Soren: झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ग्रीन कार्ड राशन योजना असफल हो चुकी है। आठ महीने से गरीब चावल की प्रतीक्षा कर रहे हैं। राज्य में गरीब लोगों को फिलहाल फरवरी का राशन मिल रहा है। राज्य के 485806 गरीब परिवार, जो ग्रीन कार्डधारी हैं, सरकारी अनाज नहीं मिलने से परेशान हैं।

उन्हें आठ महीने से सरकारी अनाज (Hemant Soren) नहीं मिल रहा है। ग्रीन राशन कार्ड धारकों (Green Card Ration Scheme) को एफसीआई के गोदाम से अनाज ही नहीं मिल रहा है। Hemant Soren (राज्य सरकार) को आवंटन नहीं मिल रहा है। इसके बाद वह हार गए और घर लौट गए।

Basant Yadav

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