जैनामोड़ हादसे में अबतक 4 की मौत, विरोध में 3 दिनों से सड़क जाम
Bokaro: 17 अक्टूबर की रात जिले के जैनामोड़ में हुए एक सड़क हादसे में चार लोग मारे गए हैं। हादसे में घटनास्थल पर सूरज कुमार और यशोदा देवी की मौत के बाद बुधवार को सड़क जाम लग गया. इसके बाद ट्रक चालक ने दोनों मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया। 18 अक्टूबर को हादसे में गंभीर रूप से घायल करहरिया निवासी विशाल कुमार दत्त की मौत के बाद ग्रामीणों ने टोल प्लाजा के पास शव के साथ सड़क जाम कर दी।
ट्रक मालिक ने इसके बाद डेढ़ लाख रुपये की क्षतिपूर्ति दी। इस हादसे में 5 वर्षीय बच्ची खुशी कुमारी भी मर गई। गुरुवार को सिद्धि विनायक होटल के सामने जैनामोड़ में ग्रामीणों ने फिर से मेन रोड को जाम कर दिया। ग्रामवासी खुशी से कुमारी की मौत पर मुआवजा मांग रहे थे, लेकिन ट्रक चालक ने मना कर दिया। ट्रक मालिक ने कहा कि हादसे में उनकी मां और बेटी की मौत हुई है, इसलिए उसने पहले दिन दो लाख रुपये मुआवजा दिया।
समाचार लिखे जाने तक जैनामोड़ में सड़क जाम की स्थिति लगभग दो किमी तक बनी हुई थी। थाना प्रभारी अमित कुमार और अतिरिक्त पुलिस बल भी उपस्थित थे। जैनामोड़वासी लगातार तीन दिनों से सड़क जाम से परेशान हैं।
इससे ग्रामीणों और मृतक के परिजनों ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाने लगे हैं। ध्यान दें कि बोकारो जिले के जरीडीह, कसमार, पेटरवार सहित बंगाल के कई सीमावर्ती इलाकों में जैनामोड़ एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र है। राशन से लेकर कपड़े, हार्डवेयर, फल और सब्जी सहित अन्य चीजों का खुदरा व थोक विक्रेता यहां मिलते हैं। जैनामोड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अधीन सैकड़ों छोटी-बड़ी दुकानें हैं। जैनामोड़ भीड़-भाड़ का बाजार रहा है। नतीजतन, एनएचआई ने फोरलेन को शहर से बाहर बनाकर भीड़ को नियंत्रित करने का काम किया, लेकिन मालवाहक वाहनों का प्रवेश अभी भी पुरानी सड़क पर ही होता है।
हर दिन शाम चार बजे से आठ बजे तक जाम लगा रहता है। दुर्गा पूजा की खरीदारी में उमड़ी हजारों लोगों की भीड़ के बावजूद तेज रफ्तार में ट्रक का शहर में घुसना और आधे किमी के दायरे में तीन तीन हादसे में चार लोगों की मौत और कई लोगों का घायल होना प्रशासन की कमजोर कार्यशैली को दिखाता है। जरीडीह पुलिस हर दिन शाम से रात तक जैनामोड़ बाजार में भीड़ को नियंत्रित करती है। नशे में धुत्त ट्रक ड्राइवर ने इतनी बड़ी घटना को अंजाम देने के बावजूद लोगों का विश्वास प्रशासन से उठता नजर आ रहा है।