Dhanbad News: जेल से आने वाले कैदियों के लिए बनाया गया स्पेशल वार्ड, सुरक्षा होगी टाइट
Dhanbad: धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लंबे समय बाद बंदी बार्ड लगाया गया है। इस अस्पताल की सेंट्रल इमरजेंसी में दो बेड का एक अलग वार्ड बनाया गया है, जहां कैदियों को सुरक्षित रखा गया है।
विभिन्न जेलों से आए बंदियों को इसी वार्ड में रखा जाता है। इस वार्ड से बंदियों को आम मरीजों से अलग रखा गया है। इसके बावजूद, यह एक अस्थायी प्रणाली के तहत किया गया है। इस अस्पताल में एक स्थायी बंदी वार्ड बनाना बाकी है।
धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहले कोर्ट मोड़ स्थित सदर अस्पताल कैंपस में था। यहां दस बेड का बंदी वार्ड था। 2016 में ये सरायढेला मेडिकल कॉलेज कैंपस में अस्पताल शिफ्ट कर दिया गया था। वहाँ बंदी वार्ड नहीं था।
विभिन्न जेलों से इलाज के लिए आने वाले बंदियों को यहां आम मरीजों के साथ भर्ती किया जाता था क्योंकि उनके पास वार्ड नहीं था। पुलिस भी उनके साथ रहती थी। आम मरीज इससे परेशान हो गए। बंदियों के भागने की भी आशंका बनी रहती थी। बंदियों को अलग-अलग वार्ड मिलने से यह समस्या काफी हद तक हल हो गई है।
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बंदी होते थे फरार
चिकित्सा के लिए धनबाद मेडिकल कॉलेज आने वाले कई कैदी यहां से भाग गए हैं। 4 दिसंबर 2023 की रात, वह चंदन नायक नामक बंदी सुरक्षा कर्मियों को चकमा देकर दुमका जेल से यहां लाया गया था।
8 नवंबर 2021 की रात धनबाद जेल का एक कैदी बिट्टू तुरी हथकड़ी लेकर भाग निकला। 12 जुलाई 2021 की रात, हत्यारोपी सोनू यादव यहां से भाग गया। ऐसी घटनाएं पहले भी हुई हैं। इस तरह की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए यहां एक बंदी वार्ड बनाया गया है।
बंदी आसपास के कई जिलों से आते हैं
धनबाद और आसपास के जिलों के बंदियों को धनबाद मेडिकल कॉलेज में इलाज मिलता है। इसमें देवघर, बोकारो, गिरिडीह, जामताड़ा, दुमका और अन्य क्षेत्र शामिल हैं। यहां हमेशा एक या दो बंदी का इलाज होता है।
जेल में स्वास्थ्य बिगड़ने पर कैदियों को आमतौर पर संबंधित जिलों के सदर अस्पतालों में भेजा जाता है। वे वहां से रेफर किए जाते हैं और धनबाद के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराए जाते हैं।
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