Godda: गोड्डा के पथरगामा में रहने वाली बोरती देवी पिछले एक वर्ष से जेएसएलपीएस की महिला समूह से जुड़ कर ऋण लेकर मछली पालन कर रही है। वह तालाब में अपने बेटे धनेश्वर रमानी के साथ मछली पालन करती है। जिससे वह प्रति वर्ष दो से ढाई लाख रुपये कमाती है।
बोरती देवी ने बताया कि पहले उनकी आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण उनके घर के सभी लोगों को दूसरे राज्य में जाकर कमाना पड़ा। घर के पुरुष सदस्य बाहर रहते थे और कई दिनों बाद वापस घर आते थे। बाद में वह जेएसएलपीएस की महिला मंडल समूह से जुड़ी, जिन्हें मोटी रकम दी गई थी। तालाब में मछली पालने के लिए इसे लगाया। जिससे पूरा परिवार अब घर पर काम करता है।
2.5 लाख की है आय
बोरती देवी के बेटे धनेश्वर ने कहा कि उसने दो लाख रुपये की मछली का बीज अपने तालाब में डाला है। मछली को प्रतिदिन 5 से 10 किलो दाना देना चाहिए। रोजाना चारा में तीन सौ से चार सौ रुपये खर्च होते हैं। 6 महीने में मछली का आकार बढ़ता है। इसके बाद यह बेचा जाता है। पिछले वर्ष उसने 2 लाख रुपये की पूंजी लगाकर लगभग 5 लाख रुपये की मछली बेची थी। जिससे ढाई लाख रुपये का मुनाफा हुआ। इस बार भी उसे दो से ढाई लाख रुपए की कमाई होगी।
योजना का लाभ उठाने का तरीका
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पथरगामा प्रखंड में जेएसएलपीएस की एरिया कोऑर्डिनेटर कल्पना ठाकुर ने कहा कि इस योजना से जुड़कर कोई भी महिला अपने घर में रहकर स्वरोजगार कर सकती है और सम्मानपूर्वक अपना जीविकोपार्जन चल सकती है। जिसमें सरकार स्वरोजगार के लिए ऋण देती है। और इस रन को लेने के लिए गांव की महिलाओं को पहले पांच से दसवीं तक के समूह बनाना होगा।
महिलाओं को भी इससे ऋण चुकता करना आसान होता है। महिलाएं जेएसएलपीएस से जुड़ना चाहती हैं तो प्रखंड कार्यालय के जेएसएलपीएस विभाग से संपर्क कर सकती हैं।