Ranchi News: मीट-मांस की दुकानों की जांच के लिए चलाया गया एक अभियान ‘जाने क्या है पूरा मामला’
Ranchi : राजधानी सहित राज्य भर में दुकानों में खुलेआम कटे हुए बकरे और मुर्गे की बिक्री के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाइकोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई करते हुए जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम को आवश्यक कार्रवाई करने का आदेश दिया। खंडपीठ ने अंतरिम आदेश जारी करते हुए राज्य के उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और स्थानीय नगर निकायों को 14 दिन के अंदर मीट-चिकन की दुकानों की जांच करने का आदेश दिया।
बिना लाइसेंस वाले दुकान मालिकों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अवैध रूप से जानवरों के काटे जाने और सड़क के किनारे दुकानों में जानवरों के शवों के प्रदर्शन पर रोक लगाने का निर्देश दिया। साथ ही, खंडपीठ ने राज्य सरकार और रांची नगर निगम से पूछा कि मांस की दुकानों में जानवरों के शवों को काले शीशे के अंदर और पर्दे से ढंके जाने के नियमों को लागू करने के लिए क्या किया गया है। विस्तृत उत्तर देने का आदेश दिया।
अगला फैसला 3 अप्रैल को आएगा
खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को रखी।प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शुभम कटारुका ने पैरवी की, जबकि राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता योगेश मोदी ने पक्ष रखा। रांची नगर निगम के अधिवक्ता LCN शाहदेव ने वहीं पैरवी की। उल्लेखनीय है कि पीड़ित श्यामानंद पांडेय ने जनहित याचिका की है। याचिकाकर्ता ने कहा कि रांची शहर सहित राज्य में मीट विक्रेता खुले में कटे हुए चिकन और बकरा बेचते हैं। यह FICCI के नियम और नियमों के खिलाफ है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ है।
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