Dhanbad News: अस्पतालों में बढ़ी एंटी रेबीज वैक्सीन के मरीजों की संख्या, जाने क्या है मामला
Dhanbad: लोग पहले कुत्ते के काटने से परेशान थे। अब सियार और बंदर भी आतंक फैलाने लगे हैं। SNMCH ओपीडी में हर दिन दो-तीन बंदर काटने या नोचने के कारण एंटी रेबीज वैक्सीन लेने आते हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में भी सियार काटने की घटनाएं बढ़ी हैं।
पहले दो महीने में सियार का शिकार करने वाले कुछ लोग आते थे। अब हर सप्ताह एक या दो लोग को सियार का सामना करना पड़ जाता है और एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने के लिए SNMMH आना पड़ रहा है।
यह बताया गया है कि हर दिन जिले में लगभग सत्तर से आठ लोग कुत्ता काटने के शिकार होते हैं। 50 से 60 लोग सिर्फ SNMCH में आकर एंटी रैबीज वैक्सीन का इंजेक्शन लेते हैं। यह इंजेक्शन सदर अस्पताल और जिला के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी निःशुल्क दिया जाता है। अब कुत्ते, बंदर और सियार भी लोगों को परेशान करते हैं। मंगलवार को भी बंदर ने दो लोगों को घायल कर दिया है। टारजन डे, 11 वर्षीय, पूर्वी टुंडी से था। टुंडी के एक और व्यक्ति को भी बंदर ने मारा था।
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पहाड़ी क्षेत्रों में अधिक मामले
बंदरों को काटने या नोचने की अधिकांश घटनाएं पहाड़ी इलाकों में हो रही हैं। विशेष रूप से टुंडी और तोपचांची प्रखंडों में इन दिनों टुंडी में कहीं से बड़ी संख्या में बंदर आ रहे हैं। यह खाने की तलाश में जंगल से बस्ती में आते हैं और लोगों को काट कर भाग जाते हैं जिसके वजह से लोग परेशान है। फिर वे जंगल में भाग जाते हैं। इसी तरह अधिकांश घटनाएं हो रही हैं।
लोगों को नुकसान पहुंचाने में बिल्लियां भी पीछे नहीं हैं। SNMCH में भी बिल्ली के काटने के मामले आते रहते हैं। लेकिन उनकी संख्या बहुत कम है। ज्यादातर लोग अपनी पालतू बिल्ली काट रहे हैं।
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