धनबाद-बंगाल बॉर्डरलाइन पर कोयला तस्करों का बड़ा सिंडिकेट
मुकेश सिंह, धन्यवाद। धनबाद और झारखंड-बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में कोयला तस्करों का बड़ा सिंडिकेट सक्रिय है, खासकर निरसा-रानीगंज कोयला क्षेत्र में।
मुकेश सिंह, धन्यवाद। धनबाद और झारखंड-बंगाल के सीमावर्ती क्षेत्रों में कोयला तस्करों का बड़ा सिंडिकेट सक्रिय है, खासकर निरसा-रानीगंज कोयला क्षेत्र में। आरोप पहले से लगते रहे हैं, लेकिन एक दिन में 54 ट्रकों को अवैध कोयला लेकर गिरफ्तार करने से धनबाद में बड़ी मात्रा में कोयला तस्करी हुई है। कोयला तस्करों का एक क्षेत्रीय नेटवर्क है।
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परीक्षण से जुड़े सरकारी अधिकारियों ने बताया कि बरामद कोयला सिर्फ धनबाद और सीमा क्षेत्र में भरा गया था। एक दिन में लगभग डेढ़ हजार टन कोयला निकाला गया है। यदि इतना कोयला अवैध खनन कर प्राप्त किया गया था या कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियों भी इसमें शामिल हैं, तो इसकी जांच की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार, जांच की जा रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सड़कों पर कठोरता से कोयला तस्करी का अंतरराज्यीय नेटवर्क खत्म हो सकता है। इस प्रकार की जांच हर दिन की जानी चाहिए। इतने ट्रक एक दिन की जांच में पकड़े गए। दैनिक अवैध कोयले की तस्करी का अनुमान लगाया जा सकता है। रॉयल्टी और डीएमएफटी में हर महीने करोड़ों रुपये का नुकसान होता है।
Roadway अवैध कोयले की तस्करी करता है। इसलिए सड़कों पर कड़ी निगरानी की जरूरत है। मालूम हो कि हार्डकोक भट्ठा जैसे गैर-पावर छोटे-छोटे उद्योगों का लिंकेज खत्म होने के बाद तस्करी के कोयले की मांग बढ़ गई है। धनबाद ही नहीं, बल्कि बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के छोटे-छोटे उद्यम भी तस्करी के कोयले पर निर्भर हैं। ई-ऑक्शन में कोयले का महंगा मूल्य इसका मुख्य कारण है। ऑक्शन में कोयले की बोली बहुत ऊंची दिखती है। वहीं तस्कर कोयला ऑक्शन कोयले से 15 से 20 प्रतिशत कम दर पर उपलब्ध कराते हैं।
किंगपिन जांच नहीं मिलती: एक हार्डकोक उद्यमी ने कहा कि जांच एजेंसियों को किंगपिन तक पहुंचना चाहिए क्योंकि इतने बड़े पैमाने पर तस्करी का कोयला बरामद हुआ है। ड्राइवर-खलासी को गिरफ्तार करने से तस्करी नहीं रुकेगी। अवैध कोयले की तस्करी में अवैध खनन करने वाले, ट्रांसपोर्टिंग करने वाले और फर्जी दस्तावेज देने वाले बड़े मास्टरमाइंड शामिल हैं। क्योंकि वे मजबूत हैं, जांच एजेंसियों को किंगपिन तक पहुंचने की जरूरत है।
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