Garhwa News: बालू के अवैध खनन से, खतरे में है इन नदियों का अस्तित्व
Garhwa: इन दिनों, गढ़वा जिले के रमकंडा क्षेत्र सहित रंका और भंडरिया क्षेत्र की नदियों से अवैध बालू खनन हो रहा है। रंका के गोदरमाना में कनहर नदी के भौंरी और धंसनी से बालू निकालकर रमकंडा के विभिन्न भागों में डंप कर रहे हैं।
यही कारण है कि ट्रैक्टर भंडरिया के कुरुन गांव में सपही नदी, जोन्हीखांड़, सरसतिया, बगडेगवा और रमकंडा के चेटे में हाठु, बलिगढ़ के पपरा, जूतीडूमर और गोबरदाहा जैसी छोटी नदियों से अवैध बालू लेकर रमकंडा की सड़कों पर बेझिझक चल रहे हैं।
यह बालू रमकंडा के तेतरडीह, कुशवार, बलिगढ़, होमिया, चुटिया, दुर्जन, रकसी, चेटे और रमकंडा में ऊंची कीमत पर खरीदा जाता है। अवैध बालू के मुद्दे पर इन दिनों अधिकारी चुप रहे हैं। हालाँकि उपायुक्त ने बालू के अवैध खनन और परिवहन के मामले में कार्रवाई करने के लिए संबंधित थाना प्रभारियों और अंचल अधिकारियों को चार जनवरी को हुई टास्क फोर्स की बैठक में पहले भी कई बार निर्देश दिए हैं।
साथ ही, संबंधित अधिकारी उपायुक्त के निर्देश को बड़े आराम से अवहेलना कर रहे हैं। यही कारण है कि बालू के अवैध खनन के मामले में हर महीने होने वाली टॉस्क फोर्स की बैठक के बावजूद, अवैध खनन, परिवहन और बालू के अवैध भंडारण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती।
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नदियों को कर रहे खोखली
इन नदियों का अस्तित्व बालू खनन से खतरे में है। बताया जाता है कि एनजीटी और हाइकोर्ट की सख्ती के बाद इन नदियों से बालू उत्खनन पहले बंद था। लेकिन अब कई स्थानों में बालू का अवैध कारोबार फिर से शुरू हो गया है।
कुशवार गांव में पिछले दिनों हुई चार गांवों की बैठक में भी ग्रामीणों ने बालू के मामले का विरोध किया है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले यहां के लोगों को प्रति ट्रैक्टर बालू 700 रुपये मिलते थे। लेकिन आज बालू माफिया इसे प्रति ट्रैक्टर ढाई हजार से चार हजार रुपये बेच रहे हैं।
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