Koderma: कोडरमा जिले के प्रखंड सहित आसपास के क्षेत्रों में बालू के अवैध उत्खनन से नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है, इसलिए बालू माफियाओं का मनोबल इन दिनों बढ़ गया है. इसकी वजह से बालू की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है, जो आम लोगों को परेशान कर रहा है। लोगों को घरेलू काम के लिए भी आसानी से बालू नहीं मिल रहा है, और लोगों को बालू लेने के लिए मनमानी कीमत चुकानी पड़ रही है। वर्तमान में, एक ट्रैक्टर बालू ग्रामीण इलाकों में 3000-3500 रुपये में मिलता है, लेकिन झुमरीतिलैया शहरी क्षेत्र में 4000-4500 रुपये में मिलता है।
आम आदमी कीमत से परेशान
![बालू की कीमत में वृद्धि आने से आम आदमी हुए परेशान, बालू माफियो का भी आतंक बढ़ा दोगुना 2 आम आदमी कीमत से परेशान](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/02/%E0%A4%86%E0%A4%AE-%E0%A4%86%E0%A4%A6%E0%A4%AE%E0%A5%80-%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%AE%E0%A4%A4-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%AA%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%A8-1-1024x576.webp)
जयनगर प्रखंड के अक्तो, हरहारो, गोपालडीह, महुआटांड़, सरमाटांड़, सतडीहा, योगियाटिल्हा, तेतरौन, दुमदूमा, केसो, तमाय, धरेयडीह, करियावां घाट पर निरंतर बालू उत्खनन के कारण नदी समतल हो गई है। नदी के किनारे बराकर गेहूं की खेती पहले की जाती थी, लेकिन खेती योग्य जमीन पर बालू गिरने के कारण खेती भी बंद हो गई है। उधर, अवैध बालू कारोबार करने वाले माफियाओं की दबंगता के कारण बालू की कीमत में भारी वृद्धि हुई है. खनन विभाग और पुलिस द्वारा कभी-कभी गिरफ्तारियां की जाती हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है. लोगों को आसान तरीके से उपलब्ध कराने के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं हुआ है, इसलिए लोगों को अधिक कीमत देकर बालू खरीदनी पड़ती है।
अवैध बालू उत्खनन से जलस्तर गिर रहा है
![बालू की कीमत में वृद्धि आने से आम आदमी हुए परेशान, बालू माफियो का भी आतंक बढ़ा दोगुना 3 अवैध बालू उत्खनन से जलस्तर गिर रहा है](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/02/%E0%A4%85%E0%A4%B5%E0%A5%88%E0%A4%A7-%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%82-%E0%A4%89%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%96%E0%A4%A8%E0%A4%A8-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%9C%E0%A4%B2%E0%A4%B8%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%B0-%E0%A4%97%E0%A4%BF%E0%A4%B0-%E0%A4%B0%E0%A4%B9%E0%A4%BE-%E0%A4%B9%E0%A5%88-1024x576.webp)
नदियों के आसपास के क्षेत्रों में बालू के अवैध उत्खनन से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है, जिससे नदी के आसपास के क्षेत्रों में पेयजल संकट पैदा हो रहा है. अगर बालू का उत्खनन जारी रहता है, तो जल्दी ही लोग पानी के लिए तरसेंगे। नदियों के सिमटने का एक बड़ा कारण अवैध बालू उत्खनन है, विशेषज्ञों का कहना है।
बालू कारोबार में माफियाओं की बढ़ी भागीदारी
![बालू की कीमत में वृद्धि आने से आम आदमी हुए परेशान, बालू माफियो का भी आतंक बढ़ा दोगुना 4 बालू कारोबार में माफियाओं की बढ़ी भागीदारी](https://joharupdates.com/wp-content/uploads/2024/02/%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B2%E0%A5%82-%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%AC%E0%A4%BE%E0%A4%B0-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%AB%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A4%BE%E0%A4%93%E0%A4%82-%E0%A4%95%E0%A5%80-%E0%A4%AC%E0%A4%A2%E0%A4%BC%E0%A5%80-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%A6%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80-1024x576.webp)
बताया जाता है कि पहले लोग टेंडर प्रक्रिया के तहत नदियों से बालू निकालकर ग्रामीण क्षेत्रों में घर बनाते थे. बाद में उत्खनन अवैध हो गया और गांव की नदियों का बालू शहर में पहुंचने लगा. कई माफियाओं ने इससे लाभ उठाया। आज, कुछ माफिया ने कहा है कि जो भी बालू उठायेगा, वह उसके माध्यम से ही बिक्री करेगा. 500 रुपये में बिकने वाला बालू अब चार हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर का हो गया है। सूत्रों के अनुसार, इसके पीछे बालू उठाने की जगह का दो हजार रुपये, चालान का 1600 रुपये और अन्य खर्चों का 1600 रुपये है। जबकि बालू की कीमतें बहुत अधिक हैं, पुलिस इस मामले में कुछ भी नहीं कर पा रही है. कुछ लोग मिलीभगत से अवैध बालू कारोबार कर रहे हैं, जिससे सरकारी राजस्व बर्बाद हो रहा है।
Also Read: ससुराल वालों ने बुरी तरह पीटकर घर से निकाला, कई बार पुलिस की मदद मांगने पर भी कोई सुनवाई नहीं