पुल के नवीनतम अंडरपास का डीपीआर पांच महीने से कैबिनेट के पास है
वर्तमान अंडरपास से नया 14.9 मीटर दूर होगा। नया अंडरपास नौ मीटर चौड़ा और छह मीटर लंबा होगा। इसमें एकमात्र रास्ता होगा। गाड़ी एक अंडरपास से गुजरेगी और दूसरा अंडरपास से आएगी।
धनबाद: गत पांच महीने से गया पुल के नवीनतम अंडरपास का मामला कैबिनेट में पड़ा हुआ है। कैबिनेट से एप्रुवल नहीं मिलने के कारण गया पुल नए अंडरपास के लिए टेंडर नहीं हो रहा है। नया अंडरपास पहले 23.84 करोड़ रुपये का था, लेकिन इसमें सुधार कर लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का सामान जोड़ा गया है। अब प्राक्कलन 25 करोड़ रुपये है। मुख्यालय से संशोधित DPGR कैबिनेट को भेजा गया है। यहां से एप्रुवल मिलने के बाद ही नया अंडरपास टेंडर निकलेगा।
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पथ निर्माण विभाग ने कहा कि रेलवे को प्राक्कलन के अलावा 10 करोड़ रुपये मुआवजा देना होगा। RCDD ने रेलवे के गोदाम को 4.43 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। अब रेलवे को रास्ते के लिए 5.57 करोड़ रुपये देना होगा। पांच करोड़ रुपये से अधिक राशि होने से उपायुक्त के स्तर से भुगतान संभव नहीं है। इसलिए यह राशि एस्टीमेट (प्राक्कलन) में जोड़ी गई, जिससे नया टीएस बनाया गया। संभवतः, इस बार कैबिनेट संशोधित डीपीआर को स्वीकार करेगा।
1956 में निर्मित पुल
गया पुल बहुत पुराना है। जानकारों का कहना है कि गया पुल 1956 में बनाया गया था। आज जिले में लगभग ३० लाख लोग रहते हैं, जबकि पहले लगभग १० लाख लोग रहते थे। वाहन संख्या निरंतर बढ़ रही है। 37 फीट का अंडरपास 1956 में बनाया गया था। इसमें 30 फीट की सड़क और सात फीट का फुटपाथ दोनों ओर है।
नया अंडरपास वर्तमान अंडरपास से 14.9 मीटर दूर बनाया जाएगा।
वर्तमान अंडरपास से नया 14.9 मीटर दूर होगा। नया अंडरपास नौ मीटर चौड़ा और छह मीटर लंबा होगा। इसमें एकमात्र रास्ता होगा। गाड़ी एक अंडरपास से गुजरेगी और दूसरा अंडरपास से आएगी। पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता दिनेश प्रसाद ने बताया कि गया पुल नवीन अंडरपास के प्राक्कलन में बदलकर मुख्यालय भेजा गया है। प्राक्कलन में जोड़ी गई राशि का नया टीएस बन गया है। कैबिनेट के विघटन के बाद टेंडर जारी होगा। संभवतः, इस बार कैबिनेट जवाब देगा।
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