Garhwa

Garhwa News: पिंक टॉयलेट नहीं होने की वजह से महिलाओं को होती है बहुत परेशानी

Garhwa: गढ़वा उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ के बीच है। इसलिए तीनों राज्यों में लोगों की आवाजाही होती रहती है। साथ ही, गढ़वा नगर परिषद क्षेत्र जिले का मुख्य व्यापारिक और प्रशासनिक दृष्टिकोण है। जिले भर में लोग खरीद-बिक्री और अन्य सरकारी कार्यों के लिए आते हैं।

नगर परिषद क्षेत्र में लगभग 60 हजार से अधिक लोग रहते हैं, जबकि जिले में लगभग 16 लाख से अधिक लोग रहते हैं। जिला मुख्यालय आने वालों में भी अधिकांश महिलाएं हैं। इसके बाद भी महिलाओं के लिए अलग शौचालय या पिंक टॉयलेट की व्यवस्था नहीं की गई है। इसलिए महिलाओं को अधिक मुसीबत का सामना करना पड़ता है।

पिछले अप्रैल 1991 को गढ़वा पलामू से अलग हो गया और स्वतंत्र जिला बना। इसके बाद से जिला मुख्यालय से जुड़ा प्रशासनिक कामकाज भी बढ़ा है। जिला मुख्यालय में कई बड़े बाजार हैं। बाजार समिति का सबसे बड़ा बाजार है। हर दिन वहां लगभग एक करोड़ रुपये का कारोबार होता है।

महिलाओं को अधिक मुसीबत का सामना करना पड़ता है।
महिलाओं को अधिक मुसीबत का सामना करना पड़ता है।

अब भी वहाँ पिंक टॉयलेट की सुविधा नहीं है। दस सीटर सामुदायिक शौचालय की मरम्मत का काम अभी भी चल रहा है, लेकिन पिंक टॉयलेट नहीं बनाया गया है। उसके अलावा, चौधराना बाजार और पुराना बाजार बहुत व्यस्त हैं। महिलाओं के लिए अलग से टॉयलेट भी नहीं है। अधिकांश महिलाओं ने प्रशासन से पिंक टॉयलेट की सुविधा को जल्द से जल्द बहाल करने की मांग की है।

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Devkundan Mehta

मेरा नाम देवकुंदन मेहता हैं, मैं झारखण्ड राज्य का निवासी हूँ। मैं एक Content Writer, Creator, Editor और Student हूँ। यहाँ JoharUpdates पर अपनी लिखने की कला को प्रदर्शित करने के लिए पार्ट टाइम न्यूज़ लिखता हूँ। मैं कोडरमा जिले का निवासी हूँ इसलिए अपने आस-पास के जिलों के न्यूज़ को कवर करता हूँ। मझे न्यूज़ भेजने या मुझसे जुड़ने के लिए आप मुझे मेरे ईमेल "dkdevkundan@gmail.com" पर ईमेल कर सकते है।

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