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Deoghar News: पानी को लेकर लोग हुए परेशान, 8 गांवो में नहीं पहुंचा पानी 

Deoghar:- 2019 में, संवेदक और अभियंता ने योजना का उद्घाटन करवाया। योजना ने 1380 घरों को कनेक्शन दिया। खोलने के बाद पांच गांवों (बरदही, कुंडारो, देवघरबाद, धोबनिया व मुरकुट्टा) में पानी आया।

देवघर जिले के सारठ क्षेत्र के तेरह गांवों में नौ हजार लोगों को शुद्ध पेयजल घर-घर उपलब्ध कराने के लिए आठ करोड़ रुपये की लागत से पत्थरड्डा ग्रामीण पाइप जलापूर्ति योजा मंजूर किया गया। लेकिन लोगों के घरों में नल जल नहीं था। 2017 में योजना का शिलान्यास किया गया था और 2019 में इसका उद्घाटन हुआ था।

शुरू से ही योजना पर बहस होती रही। अभियंता ने डीपीआर को बिना भूमि का सत्यापन किये ही मंजूरी दी। योजना के शिलान्यास के बाद पत्थरड्डा में जमीन नहीं मिलने के कारण विभागीय अभियंता और संवेदक ने गलत तरीके से पत्थरड्डा से लगभग डेढ़ से दो किमी दूर चोरमारा/देवघरबाद मौजा के पास जलमीनार और वाटर टीटमेंट प्लांट बनाया।

योजना के तहत पत्थरड्डा, धनपलासी, नवाडीह, नावाबांध, मंदरिया, चोरमारा, पथलजोर व दालाटील्हा गांव टोला में निवास करने वाले लोगों के घरों में टेस्टिग के दौरान पानी नहीं पहुंचा क्योंकि जलमीनार गलत स्थान पर बनाया गया था। 2019 में, संवेदक और अभियंता ने योजना का उद्घाटन किया। योजना ने 1380 घरों को कनेक्शन दिया। उद्घाटन के बाद पांच गांवों (बरदही, कुंडारो, देवघरबाद, धोबनिया और मुरकुट्टा) में किसी तरह से पानी आया।

पानी को लेकर लोग हुए परेशान
पानी को लेकर लोग हुए परेशान

वहीं पांच गांवों की लगभग चार सौ लोगों को ही किसी तरह का पानी मिला। ग्रामीणों का कहना है कि कभी नियमित आपूर्ति नहीं हुई है। हाल ही में, अवध किशोर तूरी, गुड्डू मांझी और श्यामकिशोर चौधरी, जो पिछले छह दिनों से काम कर रहे हैं, ने मासिक भुगतान नहीं मिलने के कारण योजना को ठप कर दिया है।

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मुखिया की प्रतिक्रिया

जानकारी मिली है कि योजना को तीन महीने पहले पंचायत ने मंजूरी दी थी। पहले, मुरकुट्टा गांव के पास एक पाइप तोड़ दिया गया था, जिसके कारण एक महीने से सेवा नहीं दी गई। किसी तरह ठीक किया गया और फिर चालू किया गया। पांच गांव में योजना से लगभग 400 कनेक्शन हैं। वे लोग जल नहीं रहे हैं।कर्मचारी को एक सप्ताह से बकाया नहीं मिल रहा है। 13 गांवों में योजना के तहत कभी पानी नहीं गया है।

ग्रामीण कहते हैं: पत्थरड्डा गांव में पानी नहीं आया, हालांकि पाइप लगाया गया है।

पत्थरड्डा गांव में आठ करोड़ रुपये की जलापूर्ति योजना से पानी की एक बूंद भी पाइप से नहीं पहुंची है, कोई भी जांच कर सकता है। योजना के नाम पर विवाद हुआ है।

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मधु नापित, पत्थरड्डा

पत्थरड्डा गांव में जलापूर्ति योजना का पाइप घरों तक लगाया गया था, लेकिन गांव में अभी तक पानी नहीं आया. यह कहानी चौपट राजा की है। क्षेत्र में कोई बात नहीं करेगा।

पत्थरड्डा गांव निवासी दीनानाथ तिवारी

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पत्थरड्डा गांव की आबादी लगभग १५०० से १७०० तक की है। लोगों में १३ टोले हैं। योजना से किसी भी टोला में घरों में पानी नहीं आया है। गांव में एक चापाकल है, जिससे लोग पानी पीते हैं।

मिर्धा मैनेजर, पत्थरड्डा गांव

यह गांव स्वतंत्रता सेनानी काली चरण तिवारी की सेवाभाव की मिसाल देता है। लेकिन उसी गांव के लिए बनाई गई योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, जिसकी जांच की जरूरत है

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गिरधारी नापित गांव, पत्थरड्डा

गांव में मिनी जलमीनार भी नहीं है। गांववासी पत्थरड्डा जलापूर्ति योजना से कोई लाभ नहीं मिला। योजना का विश्लेषण होना चाहिए।

Raja Vishwakarma

मेरा नाम राजा विश्वकर्मा है और मैं पिछले कुछ महीनो से इस वेबसाइट 'JoharUpdates' में लेखक के रूप में काम कर रहा हूँ। मैं झारखण्ड के अलग-अलग जिलों से खबरों को निकलता हूँ और उन्हें इस वेबसाइट की मदद से प्रकाशित करता हूँ। मैंने इससे पहले कोई और जगहों पर काम किया हुवा है और मुझे लेख लिखने में 2 सालो का अनुभव है। अगर आपको मुझसे कुछ साझा करना हो या कोई काम हो तो आप मुझे "bulletraja123domcanch@gmail.com" के जरिये मुझसे संपर्क कर सकते है।

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