Gumla News: लगभग 42 साल पहले गुम हुई शांति घर लौटेगी वापस, जाने क्या है पूरा मामला ?

Devkundan Mehta
3 Min Read
लगभग 42 साल पहले गुम हुई शांति घर लौटेगी वापस

Gumla: गुमला जिला के भरनो प्रखंड के तुरिआम्बा गांव में रहने वाले रामनंदन महली उर्फ ठूपा की पांच वर्षीय बहन शांति कुमारी पिछले 42 वर्षों से पश्चिम बंगाल में लापता है। जो अब चौबीस वर्षों के बाद सुरक्षित हो गया है। शांति के 42 वर्षों के बाद मिलने से उसके घर में बहुत उत्साह है। रामनंदन महली ने बताया कि 42 वर्ष पहले उसके पिता जद्दू महली और माता पाको देवी ने अपनी पांच वर्ष की बच्ची शांति कुमारी और मुझे पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिला के श्याम नगर में काम करने के लिए भेजा था।

उस समय मेरी छोटी बहन, शांति कुमारी, पांच वर्ष की थी, वहाँ थी। खेलते-खेलते कहीं खो गई। हम गांव में काम करते थे। उसने इतने बड़े शहर में अपनी बहन को दो वर्षों तक अपने स्तर से काफी खोजा, लेकिन वह कहीं नहीं मिली। अंततः मैं गांव वापस लौट गया और मेरे माता पिता दस साल तक वहीं रहकर काम करते रहे। लेकिन इतने सालों के बाद भी मेरी छोटी बहन शांति नहीं जानती थी। अब सभी परिजन शांति को मृत समझने लगे और उसे भूलने लगे। रामनंदन के माता-पिता भी अब मर चुके थे।

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रामनंदन के माता-पिता भी अब मर चुके थे।
रामनंदन के माता-पिता भी अब मर चुके थे।

रामनंदन महली उर्फ ठुपा, उसके छोटे भाई राजेन्द्र महली उर्फ ठेपा, उनकी छोटी बहन मुन्ना देवी और छोटी बहन कोशिला देवी अपने परिवार के साथ खुश रहते हैं, लेकिन चार दिन पहले उन्हें पता चलता है कि उनकी बचपन में खोई बहन शांति कुमारी जिंदा है और सुरक्षित है। यह लगता था कि फिल्मों की कहानी की तरह है। शांति ने खुद मोबाइल फोन पर अपने बड़े भाई रामनंदन और छोटे भाई राजेन्द्र से वीडियो कॉलिंग करते हुए अपनी बचपन की आपबीती और इतने दिनों तक कहां कहां रही कहानी बताई, तो दोनों भाईओं के आंसू बह गए।

यह सब हुआ 42 साल बाद शांति ने अपने परिजनों को खोज निकाला. पश्चिम बंगाल के मेदनीपुर जिला के इंदा खड़कपुर स्थित महिला सुरक्षा संस्थान शक्ति सदन की सुप्रीडेंडेट अन्नू चक्रवर्ती ने दूरभाष पर बताया कि शांति को कौन्सिलिंग करते समय वह हमेशा अपने गांव तुरिअम्बा का नाम, राँची रेलवे स्टेशन और अपने बड़े भाई राजेन्द्र उर्फ ठ शांति के परिजनों को संस्था ने लंबे समय से खोज बीन किया है। शांति को बचपन में भारत शिशु तिथ्या और कुंज बिहार होम, लिलुवा होम हावड़ा में प्रभुत्व मिला, लेकिन जब वह 18 वर्ष की हो गई तो उसे दूसरे संस्थान में स्थानांतरित कर दिया गया।

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मेरा नाम देवकुंदन मेहता हैं, मैं झारखण्ड राज्य का निवासी हूँ। मैं एक Content Writer, Creator, Editor और Student हूँ। यहाँ JoharUpdates पर अपनी लिखने की कला को प्रदर्शित करने के लिए पार्ट टाइम न्यूज़ लिखता हूँ। मैं कोडरमा जिले का निवासी हूँ इसलिए अपने आस-पास के जिलों के न्यूज़ को कवर करता हूँ। मझे न्यूज़ भेजने या मुझसे जुड़ने के लिए आप मुझे मेरे ईमेल "dkdevkundan@gmail.com" पर ईमेल कर सकते है।
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