1932 के खतियान ने स्थानीय और नियोजन नीति को बनाया
सरकार को 15 मई 2015 के फैसले का पालन करते हुए, वर्तमान सर्वे सेटलमेंट के अंतिम प्रकाशन के पर्चा में वास्तविक जमाबंदी संख्या, रकवा और लगान दर्ज करना चाहिए। वहीं, प्रधानी जोत जमीन पर गेंजर सेटलमेंट की तरह वर्तमान ग्राम प्रधान का नाम लिखा जाना चाहिए।
दुमकाः ग्राम प्रधान मांझी संगठन ने संताल परगना स्थापना दिवस के अवसर पर शुक्रवार को महारैली निकाली और अपनी ग्यारह सूत्री मांगों को पूरा करने का आह्वान किया। रैली वापस इंडोर स्टेडियम पहुंची, जहां सभा हुई। सभा को संबोधित करते हुए प्रमंडलीय अध्यक्ष भीम प्रसाद मंडल ने स्थानीय नीति और नियोजन नीति को 1932 के गेंजर खतियान के आधार पर बनाया, जिसमें प्रधानी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्रमंडलीय स्तर पर ग्राम प्रधान परिषद का गठन किया गया था,
संताल परगना काश्तकारी अधिनियम 1949 के प्रावधानों में ग्राम स्वशासन और ग्राम स्वराज के तहत ग्राम स्तर पर विकास की पर्याप्त राशि ग्रामसभा को देने, माल की वसूली को पूर्व की तरह ऑफलाइन कराने और ग्रामसभा को योजनाओं की कार्यान्वयन का पर्याप्त अधिकार देने की मांग की गई। कहा कि सरकार को 15 मई 2015 के फैसले का पालन करते हुए, वर्तमान सर्वे सेटलमेंट के अंतिम प्रकाशन के पर्चा में वास्तविक जमाबंदी नंबर, वास्तविक रकवा और वास्तविक लगान दर्ज करना चाहिए। वहीं, प्रधानी जोत जमीन पर गेंजर सेटलमेंट की तरह वर्तमान ग्राम प्रधान का नाम लिखा जाना चाहिए।
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