ये पांच संगठन हैं
झारखंड जनअधिकार महासभा, झारखंड जन संघर्ष मोर्चा, विस्थापन विद्रोही जन विकास आंदोलन, झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन केंद्रीय जन संघर्ष समिति
Ranchi: झारखंड में पांच संस्थाओं और उनके सदस्यों पर कड़ी निगरानी रखी जाती है। इन संगठनों पर संदेह है कि वे भाकपा माओवादी (प्रतिबंधित नक्सली संगठन) से संबंध रखते हैं। पुलिस इन पांचों संगठनों के प्रमुखों को पहचान रही है। Police Headquarters ने इसकी सूचना सरकार को दी है।
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उल्लेखनीय है कि झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग ने पिछले महीने सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखा था। इसमें झारखंड में काम कर रहे 64 संगठनों की जांच का आदेश दिया गया था। पांच संगठनों पर जांच के बाद कार्रवाई की घोषणा की गई है। 64 संगठनों का नाम प्रकाशित होने के बाद उनके सदस्यों ने तीखी प्रतिक्रिया दी। खुफिया विभाग की शिकायत करने के लिए संगठनों के नेताओं ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी। साथ ही कार्रवाई की आवश्यकता थी।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कार्यक्षेत्र

रिपोर्ट के अनुसार, कड़ी निगरानी वाले संगठनों का स्थान नक्सल प्रभावित इलाकों में है। केंद्रीय जन संघर्ष समिति गुमला और लातेहार जिलों में कार्य करती है। झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन का कार्यक्षेत्र बोकारो, धनबाद, पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम आदि जिले हैं। पूर्वी सिंहभूम, गिरिडीह और बोकारो विस्थापन विरोधी जन विकास आंदोलन में शामिल हैं। झारखंड जन अधिकार महासभा का कार्यक्षेत्र पूरे झारखंड में है, जबकि झारखंड जन संघर्ष मोर्चा का कार्यक्षेत्र बोकारो है।
नक्सलवाद से राज्य के 16 जिले प्रभावित हैं
जानकारी के अनुसार, राज्य के 24 में से 16 जिले नक्सलवाद से प्रभावित हैं। इनमें रांची, खूंटी, बोकारो, चतरा, धनबाद, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम शामिल हैं। अति उग्रवाद प्रभावित श्रेणी में आठ जिले हैं: चतरा, गिरिडीह, गुमला, खूंटी, लोहरदगा, लातेहार, सरायकेला-खरसावां और पश्चिमी सिंहभूम।