विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में विश्व स्तर पर डंका बजा रहे कसमार के डॉ विकास
कसमार प्रखंड के मुरहुल गांव में रहने वाले डॉ. विकास महतो ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपना नाम रोशन किया है।
कसमार प्रखंड के मुरहुल गांव में रहने वाले डॉ. विकास महतो ने विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपना नाम रोशन किया है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक सर्वेक्षण में उनका नाम दुनिया भर के शीर्ष दो प्रतिशत वैज्ञानिकों में रखा है। वह बीते नौ दिसंबर को IIT, ISM धनबाद के स्थापना दिवस पर संस्थान के निदेशक प्रो जेके पटनायक से सम्मानित हुआ। Dr. विकास IIT, ISM में प्रोफेसर हैं। PHD करने के बाद ISM धनबाद के पेट्रोलियम इंजीनियरिंग विभाग में शामिल हुए। उसी संस्थान ने पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में यूजीसी-आइएसएम, यूजीसी नयी दिल्ली, सीएसआइआर नयी दिल्ली, आरसीपीएल लिमिटेड, ऑयल इंडिया लिमिटेड और ओएनजीसी लिमिटेड की आठ शोध परियोजनाओं को पूरा किया। विकास, जो एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था, गांव की पगडंडियों से लेकर सफलता की इस जगह तक पहुंचा है।
डॉ. विकास ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं।
डॉ. विकास को कई उपलब्धियां मिली हैं। वह आईआईटी मद्रास में पेट्रोलियम विज्ञान और प्रौद्योगिकी-2016 (IPCST-2016) पर आयोजित चौथे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपने लेख, “भारतीय मोमी कच्चे तेल द्वारा सामना किये जाने वाले प्रवाह आश्वासन चुनौतियों का अध्ययन” के लिए पहला सर्वश्रेष्ठ लेख पुरस्कार जीता है। “ऑसिलेटरी रियोलॉजिकल माप तकनीकों का उपयोग करके इमल्शन-आधारित ड्रिलिंग तरल पदार्थों की दीर्घकालिक स्थिरता पर प्रायोगिक अध्ययन” लेख को भी आईआईटी मद्रास में आईसीपीएसटी-2014 पर तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में पहला सर्वश्रेष्ठ लेख पुरस्कार मिला है। इसी तरह, “इंडियनवैक्सी कच्चे तेल पर प्रवाह सुधारकों के प्रभाव का अध्ययन” लेख को IIT में ड्रिलिंग टेक्नोलॉजी पर दूसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और पेट्रोलियम विज्ञान और इंजीनियरिंग पर प्रथम राष्ट्रीय संगोष्ठी में दूसरा सर्वश्रेष्ठ लेख पुरस्कार मिला है।
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उनका लेख, “जल आधारित ड्रिलिंग तरल पदार्थ के थेरियोलॉजिकल गुणों और निस्पंदन गुणों पर पॉलिमर के प्रभाव का अध्ययन”, 18 नवंबर से 21 नवंबर 2010 तक आईआईटी मद्रास में ड्रिलिंग टेक्नोलॉजी (ICDT-2010) पर आयोजित प्रथम अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में दूसरा सर्वश्रेष्ठ पेपर पुरस्कार मिला। “जल-आधारित तेल कुएं ड्रिलिंग तरल पदार्थ का रियोलॉजिकल अध्ययन” भी साइंस डायरेक्ट टॉप 25 हॉटेस्ट रिसर्च आर्टिकल्स में तीन बार प्रकाशित हुआ। जुलाई-सितंबर 2004 में 20वां, अक्टूबर-दिसंबर 2004 में 8वां और अप्रैल-जून 2005 में पेट्रोलियम साइंस एंड इंजीनियरिंग जर्नल में 9वां स्थान प्राप्त किया।
यह भी उनके नाम है
2018 और 2019 के दौरान, विली प्रकाशन के जर्नल ऑफ सर्फेक्टेंट्स डिटर्जेंट में उनके एक लेख को सर्वाधिक डाउनलोड किए गए लेख के रूप में सम्मानित किया गया था। 2018 और 2019 में एशिया पैसिफिक जर्नल इन केमिकल इंजीनियरिंग, विले पब्लिकेशन में उनके एक लेख को शीर्ष डाउनलोड किये गये लेख के रूप में भी सम्मानित किया गया था। वहीं, एसीएस प्रकाशनों द्वारा प्रकाशित पेपर की समीक्षा के लिए मान्यता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है।
डॉ. विकास अब तक 13 पीएचडी छात्रों को तैयार कर चुके हैं, और छह अन्य छात्र उनकी देखरेख में शोध कर रहे हैं। कर्टिन विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में प्रोफेसर चुन झू ली और प्रोफेसर हरि वुथलुरु ने संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम में दो पीएचडी और शोध कार्यों का मार्गदर्शन किया है। इनके 120 से अधिक लेख भी प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और सम्मेलनों में प्रकाशित हुए हैं। साथ ही, इन्होंने पांच पेटेंट दायर किए हैं और चार पुस्तकें लिखी हैं। कई अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी संपादक और समीक्षक हैं।
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गांव में शैक्षणिक विकास के बारे में आपको पता है कि डॉ. विकास महतो मुरहुल निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक स्व. दीनबंधु महतो के पुत्र हैं। इस परिवार ने इस क्षेत्र में शैक्षणिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस परिवार ने मुरहुल गांव में एमएसएचएवी नामक एक उच्च विद्यालय की स्थापना और संचालन में भी विशेष योगदान दिया है। विद्यालय की प्रबंध समिति में डॉ. विकास की पत्नी रेखा महतो सचिव हैं। डॉ. विकास ने बताया कि तकनीकी शिक्षा के दौरान उन्हें बीटेक में इंस्टीट्यूट मेरिट स्कॉलरशिप, एमटेक में एमएचआरडी स्कॉलरशिप और पीएचडी में सीएसआईआर स्कॉलरशिप मिली थी, जो सब बहुत उपयोगी साबित हुए।