विधानसभा में 45 दिनों के अंदर अधिसूचना प्रस्तुत करने का आदेश
प्रत्यायुक्त समिति का मानना है कि विभाग कानूनों के कार्यान्वयन के लिए नियमावली बनाने और फिर विधानसभा में लाने में गंभीर नहीं हैं। इसके परिणामस्वरूप, समिति ने विभागों को एक कोषांग बनाने का आदेश दिया।
राची: विधेयक को देखते हुए विभागों द्वारा बनाई गई नियमावली सदन में समय पर नहीं प्रस्तुत की जा रही है। विभाग वर्षों तक नियमावली नहीं बनाते। इसे विधानसभा की प्रत्यायुक्त समिति ने गम्भीरता से लिया है। पिछले दिनों समिति ने इससे संबंधित रिपोर्ट विधानसभा को भेजी है। इस बारे में समिति ने कई सुझाव दिए हैं। विभिन्न अधिनियमों के आधार पर कमेटी ने नियमावली बनाई और 45 दिनों के अंदर सदन में पेश की, समिति के सभापति विनोद सिंह ने बताया। साथ ही समिति ने विभागों को दो महीने के अंदर 2023 तक बनाए गए सभी नियमावली प्रत्यायुक्त समिति को सौंपने का निर्देश दिया है। इसके अलावा, विधि विभाग से अब तक बनाए गए सभी कानूनों की सूची भी मांगी गई है। समिति जानना चाहती है कि विभाग ने उन कानूनों को लागू करने के लिए नियमावली बनाई भी या नहीं।
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विभागों को कोषांग बनाने का आदेश
प्रत्यायुक्त समिति का मानना है कि विभाग कानूनों के कार्यान्वयन के लिए नियमावली बनाने और फिर विधानसभा में लाने में गंभीर नहीं हैं। इसके परिणामस्वरूप, समिति ने विभागों को एक कोषांग बनाने का आदेश दिया। विभागीय कोषांग बनाने से इसकी निगरानी सही होगी। वहीं, समिति ने कहा कि झारखंड के मुख्य सचिव विभिन्न विभागों के सचिवों को अपने स्तर से निर्देश देना चाहिए। सरकार विधायी प्रक्रिया को सही तरीके से चलाने के लिए आदेश देनी चाहिए।
पदाधिकारियों को नियमित प्रशिक्षण आवश्यक है
समिति ने कहा कि पदाधिकारियों को विधायी कार्यों से संबंधित समय-समय पर प्रशिक्षण देना चाहिए। समिति के सामने कई सदस्यों ने स्वीकार किया कि उन्हें नियमावली के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं थी। विभागों ने समिति को बताया कि वे जानते नहीं थे कि नियमावली सदन में पेश की जानी चाहिए।
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