पश्चिम बंगाल में अधिकांश पर्यटक पिकनिक मनाने आते हैं। इसके अलावा दुमका और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी पर्यटक आते हैं। दिगलपहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की लंबे समय से स्थानीय लोगों की मांग है।
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दुमका जिले के रानीश्वर प्रखंड में स्थित दिगलपहाड़ी जलाशय नए साल पर पर्यटकों को आकर्षित करने को तैयार है। धानभाषा पंचायत के दिगलपहाड़ी गांव के पास एक डैम है जोरिया को दो पहाड़ों के बीच बांधकर बनाया गया है। चारों ओर घने जंगल हैं।
दिगलपहाड़ी जलाशय अपने प्राकृतिक सौंदर्य से पर्यटकों को आकर्षित करता है। वन विभाग का गेस्ट हाउस पहाड़ के ऊपर डैम के उत्तरी छोर पर है। दिगलपहाड़ी डैम झारखंड की उपराजधानी दुमका से 37 किलोमीटर दूर है। दिगलपहाड़ी डैम भी पश्चिम बंगाल के सिउड़ी से 37 किलोमीटर दूर है।
दुमका और सिउड़ी से आसनबनी आने के बाद, चापुड़िया और सिउलीबोना के रास्ते दिगलपहाड़ी डैम पहुंच सकते हैं। डैम आसनबनी से दोनों ओर पक्की सड़क से पहुंच सकता है। दिगलपहाड़ी डैम भी पहाड़पुर, कैराबनी होते हुए बरमसिया रघुनाथपुर पथ के कदमा मोड़ से जा सकता है। पश्चिम बंगाल के मुरालपुर से दिगलपहाड़ी डैम तक पहुंचने के लिए पक्की सड़क भी है।
नए साल में पर्यटक पिकनिक पर जाते हैं
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25 दिसंबर के बड़े दिन से यहां बहुत से पर्यटक आने लगते हैं। लेकिन नए साल में बहुत से लोग पिकनिक पर आते हैं। पश्चिम बंगाल में अधिकांश पर्यटक पिकनिक मनाने आते हैं। इसके अलावा दुमका और उसके आसपास के क्षेत्रों में भी पर्यटक आते हैं।
दिगलपहाड़ी को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की लंबे समय से स्थानीय लोगों की मांग है। पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित होने से हर वर्ष पर्यटकों का आना-जाना लगा रहेगा।