साहिबगंज SP नौशाद आलम की ED कार्यालय में पूछताछ शुरू
Sahibganj: मंगलवार को साहिबगंज के एसपी नौशाद आलम प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रांची जोनल ऑफिस पहुंचे। बाद में ED ने उनसे पूछताछ शुरू की। गौरतलब है कि इससे पहले 22 नवंबर को ED ने नौशाद आलम से पूछताछ करने को कहा था। लेकिन उन्होंने ED को पत्र भेजकर उपस्थित होने के लिए एक अतिरिक्त तिथि की मांग की। बाद में नौशाद आलम को 22 नवंबर को एक और समन भेजकर 28 नवंबर को पूछताछ के लिए उपस्थित होने को कहा गया।
नौशाद आलम ने ED को लिखे पत्र में कहा कि उन्होंने पुलिस मुख्यालय से मामले को लेकर सलाह मांगी है। ऐसे में, उन्हें कुछ दिनों की मोहलत दी जाती है और फिर पूछताछ के लिए एक नया दिन निर्धारित किया जाता है। नौशाद आलम ने ईडी के जोनल कार्यालय में जाना था। ईडी कार्यालय से पहले, पूर्व नौशाद आलम ने झारखंड पुलिस मुख्यालय जाकर पूरा मामला बताया और अपने साथ लाए गए डॉक्यूमेंट भी अधिकारियों को दिखाए।
हांसदा मामले में भूमिका से इनकार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, नौशाद आलम ने ईडी के गवाह रहे विजय हांसदा मामले में किसी भी अवैध भूमिका को खारिज कर दिया है। नौशाद आलम ने पुलिस मुख्यालय को बताया कि कोर्ट के निर्देश के बाद साहिबगंज पुलिस ने विजय हांसदा को बॉडीगार्ड दे दिया था। नौशाद आलम साहिबगंज एसपी बनने के बाद विजय हांसदा ने सुप्रीम कोर्ट में एक केस के सिलसिले में दिल्ली जाने का अनुरोध किया।
रविवार था, इसलिए रेल वारंट नहीं मिल पाया. सुरक्षा की वजह से दुमका डीआईजी ने विजय को बॉडीगार्ड के साथ दिल्ली जाने की अनुमति दी। उस समय बॉडीगार्ड ने बिना रेलवे वारंट के जाने में असमर्थता जताई और एसपी साहिबगंज से कन्फर्म टिकट मांगा. रांची में नौशाद आलम ने फोन किया और सार्जेंट से टिकट लेने को कहा।
SP नौशाद आलम पर लगे आरोप क्या हैं?
ईडी के गवाह रहे विजय हांसदा को अवैध खनन मामले में टिकट दिलाने का आरोप एसपी नौशाद आलम पर लगाया गया है। ईडी ने 10 नवंबर को समन भेजकर एसपी नौशाद आलम को 22 नवंबर को हिनू, रांची में पूछताछ के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया था। उन पर विजय हांसदा, जो साहिबगंज में अवैध खनन का गवाह है, को भड़काने का आरोप लगाया गया है। साथ ही उन पर पंकज मिश्रा बनाम विजय हांसदा मामले में उसे दिल्ली भेजने के लिए टिकट खरीदने का भी आरोप लगाया गया है। ईडी ने जांच में पाया कि विजयन हांसदा को सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में अपना पक्ष रखने के लिए दिल्ली जाना था।