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Hazaribagh News: PM के द्वारा होगा आरोग्य मंदिरों में ऑनलाइन उद्घाटन

Hazaribagh:- पोशाक खरीद में गड़बड़ी के मामले में आयुक्त ने डीसी को जांच करने का अधिकार दिया है। साथ ही जांच रिपोर्ट को शीघ्र ही उनके कार्यालय को सौंपने का आदेश दिया गया है। यह पत्र कमिश्नर के कार्यालय से उपायुक्त को भेजा गया है। झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष मोहम्मद अतिकुज्जमा ने कमिश्नर को पत्र लिखकर डीएसई की कार्य प्रणाली को लेकर मामले की जांच करने की मांग की।

DSEE पर शिकायत में कहा गया है कि वे पोशाक खरीदने में गड़बड़ी के बाद शिक्षकों पर बदले की भावना से कार्रवाई कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों की पोशाक खरीदने में नियमों का उल्लंघन हुआ है। भी वेटिंग मशीन खरीदी गई है। दोनों मामलों में बिना टेंडर के 12 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। बताया जाता है कि इसका उद्देश्य अपने चहेता सप्लायर और खुद को लाभ पहुंचाना था।

साथ ही जांच रिपोर्ट को जल्द से जल्द उनके कार्यालय को सौंपने का आदेश दिया
साथ ही जांच रिपोर्ट को जल्द से जल्द उनके कार्यालय को सौंपने का आदेश दिया

इस मामले को पूरी तरह से गोपनीय रखते हुए, ड्रेस और वजन मापने की मशीन मनमानी ढंग से खरीद ली गई। DSe को शक है कि मामला शिक्षकों ने उजागर किया है। DSE खुद या टीम बनाकर शिक्षकों पर शक करने वाले स्कूलों का निरीक्षण करते हैं। शिक्षकों को इसके बाद बर्खास्त कर दिया जाता है। यदि निरीक्षण में कोई गड़बड़ी नहीं पाई जाती, तो भी शिक्षक पर कुछ आरोप लगाकर उसे निलंबित कर दिया जाता है।

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इसकी पुष्टि ऑडियो वायरल से भी की जा सकती है। विभिन्न शिक्षक संगठनों ने इस तरह की कार्रवाई को गंभीरता से लेते हुए डीएसई के विरुद्ध उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। साथ ही, इस कड़ी में कमिश्नर ने मामले की जांच का आदेश दिया है। यह भी बताया गया है कि कमिश्नर ने शिक्षा विभाग को कार्रवाई करने के लिए भी भेजा है। बताया जाता है कि पोशाक खरीद मामले से पहले शिक्षकों पर इतनी बड़ी राशि नहीं दी गई है।

भुगतान करने के लिए संचिका बढ़ा दी गई है
भुगतान करने के लिए संचिका बढ़ा दी गई है

DSe ने 829 शिक्षकों से एक साथ स्पष्टीकरण मांगा था। इसमें कई शिक्षक शामिल थे जो इस विभाग से बाहर काम कर रहे हैं। कुछ लोग सेवानिवृत्त हो चुके हैं। चिकित्सकीय अवकाश लेने वाले शिक्षकों से भी जवाब मांगा गया। कमिश्नर ने इसे भी गंभीरता से लेते हुए एक जांच का आदेश दिया। वर्तमान में, पोशाक वितरित करने वाले महिला सहायता समूह को भुगतान करने की योजना बनाई जा रही है।

यह बताया गया है कि भुगतान करने के लिए संचिका बढ़ा दी गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि जब पोशाक खरीद में विफलता का मामला सामने आया है और जांच चल रही है, तो भुगतान करने की तैयारी क्यों की जाती है? ऐसे में डीएसई की भूमिका को आसानी से समझा जा सकता है। क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक ने भी डीईओ को शिक्षकों पर हो रही कार्रवाई की जांच करने का आदेश दिया है।

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Raja Vishwakarma

मेरा नाम राजा विश्वकर्मा है और मैं पिछले कुछ महीनो से इस वेबसाइट 'JoharUpdates' में लेखक के रूप में काम कर रहा हूँ। मैं झारखण्ड के अलग-अलग जिलों से खबरों को निकलता हूँ और उन्हें इस वेबसाइट की मदद से प्रकाशित करता हूँ। मैंने इससे पहले कोई और जगहों पर काम किया हुवा है और मुझे लेख लिखने में 2 सालो का अनुभव है। अगर आपको मुझसे कुछ साझा करना हो या कोई काम हो तो आप मुझे "bulletraja123domcanch@gmail.com" के जरिये मुझसे संपर्क कर सकते है।

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