नए साल पर झारखंड को 4 हजार करोड़ रुपये की मिलेगी बिजली संसाधन
झारखंड में चार हजार करोड़ रुपये का बिजली संसाधन बनाया जाएगा। संताल में निविदा प्रक्रिया पूरी हो गई है, एक कंपनी चुनी गई है और काम का आदेश दिया गया है। टीम जामताड़ा, साहिबगंज, पाकुड़ और दुमका में सर्वे कर रही है।
झारखंड बिजली वितरण निगम संताल के चार जिलों में गुणवत्तापूर्ण और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बड़े स्तर पर संसाधनों का विकास करने जा रहा है। झारखंड में चार हजार करोड़ रुपये का बिजली संसाधन बनाया जाएगा। संताल में निविदा प्रक्रिया पूरी हो गई है, एक कंपनी चुनी गई है और काम का आदेश दिया गया है। संताल के जिलों दुमका, जामताड़ा, साहिबगंज और पाकुड़ में एजेंसी की टीम सर्वे कर रही है। काम जल्द ही शुरू होगा।
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मुख्य रूप से नए कृषि फीडर, लंबे फीडरों को छोटा करने, कवर्ड वायर, 11 केवी की नई लाइनें, और विभिन्न क्षमताओं वाले नए ट्रांसफार्मर और स्मार्ट मीटर का निर्माण किया जाएगा। ये सारे कार्यों को शुरू करने के लिए अन्य जिलों में निविदा की प्रक्रिया चल रही है। भारत सरकार की रिवैम्प डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) राज्यों में बिजली नेटवर्क का विस्तार करने की एक परियोजना है। इस योजना में बिजली घाटा कम करने के लिए संसाधनों का विकास और प्री-पेड मीटर खरीदने पर लगभग 3200 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
लंबे फीडर के कारण बिजली उपभोक्ताओं के घरों तक पहुंचने पर वोल्टेज कम होता है, जिससे बिजली वितरण निगम को भी लाइन लॉस का सामना करना पड़ा है।
RDSS कार्यक्रम का उद्देश्य भी लाइन लॉस कम करना है। इसके लिए लंबे फीडरों को छोटा कर नजदीक के सब-स्टेशन से जोड़ा जाएगा। नए ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे, जो अधिक लोड वाले ट्रांसफार्मरों का भार कम करेंगे। इसके अतिरिक्त, ट्रांसफार्मर और फीडर में मीटर लगाए जाएंगे।
तार बदलकर वोल्टेज सही होगा
तार को हाई वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में बदलकर वोल्टेज को सही किया जाएगा। कैपिसीटर, वीसीबी और एबी स्विच की कमी दूर की जाएगी। इस कार्यक्रम से 13.41 लाख स्मार्ट मीटर बनाए जाएंगे। 72 नए कृषि फीडर स्थापित किए जाएंगे। 11 केवी की 25516 सर्किट किमी लाइन शहरी क्षेत्र में कवर्ड वायर में बदली जाएगी। लाइन लॉस को कम करने के लिए लंबे फीडर छोटे होंगे। 5395 ट्रांसफार्मर जोड़े जाएंगे।
निगम का घाटा कम होगा
संताल के बाद राज्य के सभी जिलों में बिजली के संसाधन आरडीएसएस से बनाए जाएंगे। झारखंड बिजली वितरण निगम को भारत सरकार ने आरडीएसएस के तहत चार हजार करोड़ रुपये की योजना दी है। इस योजना से निगम का घाटा कम होगा। बिजली का बेहतर नेटवर्क शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बनाया जाना चाहिए।
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