महिलाओं को सड़क पर आकर वाहन में डालना पड़ता है कचरा, नहीं हो रहा डोर-टू-डोर उठाव
आकांक्षा कंपनी नगर परिषद क्षेत्र के 28 वार्ड से कचरा उठाता है, जिस पर विभाग 1.5 रुपये से अधिक प्रति किलो कचरा देता है। सरकार कंपनी को हर दिन कचरा के 1537 रुपये देती है।
साहिबगंज: सुबह-सुबह हर मोहल्ले टोले में सुनाई देता है, “कचरा वाला आया है, घर से कचरा निकाल।” पर सुनने में यह बहुत अच्छा लगता है। लोग कचरा लेकर दरवाजे पर खड़े होते हैं। पर लोग वहां कुछ दूर खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं। विडंबना यह है कि जब नगर परिषद ने कचरा उठाने की व्यवस्था की थी, तो उसे समय पर नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों से कहा गया था कि मैं आपके दरवाजे से कचरा उठा लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं लगता। स्थिति इस प्रकार है
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अहले सुबह, महिलाएं चौक-चौराहों पर खड़ी होकर अपने घरों का सामान ले जाती हैं। उसमें डाल देना ताकि कचरा वहां आएगा। वाहन में मौजूद कर्मचारी को बताया जाता है कि अगर आप दरवाजे पर जाकर कचरा उठाते हैं तो उन लोगों की हेकड़ी आसमान पर चढ़ जाती है। कचरा वाहन पर मौजूद कर्मचारियों से भी कुछ कह सकता है साहिबगंज शहर के एक वार्ड में ही यह समस्या नहीं है, बल्कि लगभग 28 वार्डों में से 20 वार्डों में ऐसा होगा। यदि अधिकारी इसकी औचक निरीक्षण करें तो स्पष्ट हो जाएगा कि कचरा उठाने का काम एक निजी कंपनी को दिया गया है। यह निश्चित रूप से फ्री नहीं है; इसके बजाय, जनता का पैसा इसे खरीद रहा है।
कंपनी प्रति टन 1537 रुपये देती है
आकांक्षा कंपनी नगर परिषद क्षेत्र के 28 वार्ड से कचरा उठाता है, जिस पर विभाग 1.5 रुपये से अधिक प्रति किलो कचरा देता है। सरकार कंपनी को हर दिन कचरा के 1537 रुपये देती है। आकांक्षा ने शहर के 28 वार्ड से कचरा उठाने के लिए 16 ऑटो ट्रिपल लगाए हैं, जबकि नगर परिषद में पांच कचरा ट्रैक्टर भी हैं। कितनी गंदगी उठाई गई। जोगी स्थित कचरा प्लांट में धर्म कांटा लगाया गया, जिससे रोजाना संग्रहित कचरा वजन किया जाता है, इस पर पहले एक बार बहस हुई थी। यह भी एक बड़ी गड़बड़झाला है, जिसे विभाग ने भी देखा है। सूत्रों के अनुसार, वह वहां पर ड्राइवर और खलासी गाड़ी पर चढ़ा रहता है जब कचरा लेकर वहां पर वजन होता है।
नगर परिषद अधिकारी की प्रतिक्रिया क्या है?
साहिबगंज नगर परिषद अधिकारी सोमा खंडैत ने बताया कि एक शिकायत कचरा उठाने की है। इसकी जांच की जाएगी। दोषी पर निश्चित रूप से जांच के बाद कार्रवाई होगी। महिलाएं कचरा वाहन नहीं चलाती हैं। कर्मचारी खुद डोर-टू-डोर जाकर कचरा निकालेंगे। अगर ऐसा नहीं होता, तो शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।
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