Khunti News:इस वर्ष खूंटी में नक्सल घटनाओं में कमी, अधिक पुलिस तैनाती
Khuti News :2008 में, केंद्र सरकार ने देश में नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में खूंटी जिले को पहले स्थान पर रखा था। अब 15 वर्षों के बाद, खूंटी जिला
2008 में, केंद्र सरकार ने देश में नक्सल प्रभावित जिलों की सूची में खूंटी जिले को पहले स्थान पर रखा था। अब तक के आंकड़ों के अनुसार, खूंटी जिला 15 वर्षों बाद नक्सलवाद से मुक्त हो गया है। 2023 में अधिक नक्सल घटनाएं हुईं और पुलिस बल की उपलब्धियां बढ़ीं।
पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप को 2023 में गिरफ्तार करने के बाद से संगठन ध्वस्त हो गया है। लेकिन इसके बावजूद, भाकपा माओवादी अब भी जिले में बैनर-पोस्टर टांग कर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं, और पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद, संगठन के कुछ सदस्य अब भी फोन पर धमकाकर ठेकेदारों को धमकाकर लेवी वसूलने और विकास कार्यों को बाधित करने के लिए छोटी-मोटी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
जिसमें पहला नाम एरिया कमांडर रिडुंग, उर्फ लंबू है। लंबू मुरहू, बंदगांव और आसपास के क्षेत्रों पर प्रभाव डालता है। 2023 में पुलिस या पारा मिलिट्री फोर्स के साथ माओवादियों या पीएलएफआई उग्रवादियों के साथ कोई संघर्ष नहीं हुआ है। हालाँकि, 2022 में मुरहू के कोटा गांव में पीएलएफआई का एरिया कमांडर लाका पाहन मारा गया था।
किसी भी नक्सली या उग्रवादी ने आत्मसमर्पण नहीं किया है, लेकिन जिला पुलिस ने 59 पीएलएफआई सदस्यों और एक भाकपा माओवादी को गिरफ्तार किया है।
2023 में पुलिस ने उसे अच्छे हथियारों से गिरफ्तार किया था। जिसमें जर्मन मेड एचके-33 रायफल, एके-47 रायफल, एके-56 रायफल, एक देसी कारबाईन, देसी रायफल-4, बंदूक-1, देसी कट्टा-16, 5182 गोलियां, 35 जिलेटिन, 35 डेटोनेटर, तीन वॉकी-टॉकी, एक दूरबिन, 13 बाईक और 52 मोबाइल फोन मिले। रनिया में पुलिस ने पीएलएफआई के एक बंकर और मिनी गन फैक्ट्री को तोड़ डाला। वहीं, पीएलएफआई के मिनी गन फैक्ट्री से बहुत सी नकली पिस्टल और बंदूकें मिली हैं।
2022 में नक्सली घटनाओं का विश्लेषण
2022 में पुलिस ने 86 पीएलएफआई व 5 भाकपा माओवादी नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इसी स्थान पर भाकपा माओवादी बिमल लोहरा ने आत्मसमर्पण कर दिया था। विमल लोहरा अड़की थाना के रायतोड़ांग गांव में रहता है। मुरहू के कोटो गांव में,
पूर्व थाना प्रभारी ब्रिक्रांत कुमार की टीम और पीएलएफआई के एरिया कमांडर लाका पाहन के दस्ते के बीच एक पुलिस मुठभेड़ हुई, जिसमें लाका पाहन पुलिस की गोलियों से मारा गया। 2022 में, पुलिस ने PLFI से चार देसी कारबाईन, एक देसी रायफल, एक देसी बंदूक, एक दोनाली बंदूक, 11 देसी कट्टा, 81 गोलियां, दो वॉकीटॉकी, 2,41,400 रुपये की नकदी, 16 वाहन और 123 मोबाइल फोन बरामद किए थे।
भाकपा माओवादियों से तीन आईईडी, पांच मीटर कोटेक्स वायर, 200 ग्राम अमोनियम नाईट्रेट, ग्यारह पैकेट विस्फोटक पदार्थ, एक दूरबीन और एक टैब बरामद किए गए।
अब भी खूंटी में कई पुलिस और पारा मिलिट्री कैंप हैं।
कोबरा 209 कैंप नक्सल प्रभावित खूंटी जिले के फुदी गांव में है। सीआरपीएफ 94 बटालियन का खूंटी में कैंप है, और जियरप्पा गांव में भी एक बड़ा कैंप बनाने का काम चल रहा है। इसके अलावा, हुंठ और अड़की के उलिहातू में सशस्त्र सीमा बल की दो कंपनियां हैं। साथ ही पुलिस ने मारंगहादा, मुरहू के केवड़ा, अड़की के कोरवा, बिरबांकी, कुरूंगा, कोचांग, तिरला और अड़की के कोरवा में शिविर लगाए हैं।