Deoghar News: कबाड़ में बिक जाने लायक बस से स्कूल में बच्चे पहुँचने का काम किया जा रहा था
Deoghar:- रोजाना बच्चों को देवघर में जैप की जर्जर बस से स्कूल भेजा जाता था। स्कूली की एक छात्रा इस बस मृत्यु हो गयी थी। बवाल के बाद पता चला कि बस का रजिस्ट्रेशन छह साल पहले फेल हो गया था। इतना ही नहीं, वह लगभग 16 सालों से बस बगैर कंडीशन के सड़क पर दौड़ रही थी.।
देवघर में जैप पांच की बस के धक्के से स्कूली छात्रा ऋषिका की मौत हो गई, उस बस का रजिस्ट्रेशन छह साल पहले ही फेल हो गया था। यही नहीं, यह लगभग 16 साल से सड़कों पर दौड़ रहा है और फिट नहीं है। जैप पांच की बस का निबंधन संख्या जेएच 15 सी 1733 है, यह 11 अक्टूबर 2006 को रजिस्टर किया गया था और दो साल बाद फिटनेस समाप्त हो गया था और चार महीने पहले रोड टैक्स भी फेल कर दिया गया था।
इसके बाद भी विभाग हर दिन बस चलाता था। जैप हर दिन पांच से बच्चों को स्कूल लाने और लेने के लिए इस बस से प्रयोग किया जाता था।
जिला परिवहन विभाग ने बताया कि बस का पूरा पेपर खराब है, इसलिए बस को बिना अपडेट किये चलाना गैरकानूनी है। विभाग के अनुसार, बस को एक बार खरीदने के बाद 15 साल के लिए निबंधित किया जाता है. नवीन नियमों के अनुसार, वन टाइम टैक्स जमा करने और समय-समय पर फिटनेस अपडेट करने की आवश्यकता है। फिटनेस सही होने पर बस को 15 साल के आगे फिर से निबंधन की अनुमति मिलती है। वहीं, सरकारी विभाग के पास वाहनों का बीमा नहीं है।
Also Read: दिगंबर जैन मंदिर में राष्ट्रीय अल्प बचत अभिकर्ता संघ की हुई बैठक
इस संबंध में, परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव रैंक के अधिकारी की मानें, अगर किसी विभाग के वाहन का पेपर फेल हो गया है और उसे अपडेट कराने के लिए संबंधित परिवहन कार्यालय को सूचित नहीं किया गया है और इस बीच एक दुर्घटना हो जाती है, तो उस अधिकारी पर भी कार्रवाई होगी।
वहीं वाहन जब्त करने के साथ ड्राइवर पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है। इसके अलावा, मृतक के परिवार को आपदा प्रबंधन से दो लाख तक का मुआवजा मिलेगा। वहीं, सरकार कुछ अलग से मुआवजा देती है।
Also Read: एड्स ने झारखण्ड में ढाया अपना कहर, 4 नए मरीजों की हुई पुष्टि