झारखंड में डेंगू के मरीज 1400 के पार स्वास्थ्य मंत्री के जिलों से कोई रोकथाम नहीं

Aabhash Chandra
4 Min Read
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दबी जुबान में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि डेंगू के मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में 15 से 20 फीसदी ज्यादा हुआ है या अभी भी चल रहा है। सरकारी आंकड़ों से अधिक यानी मरीज हैं

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राणीपुर: स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता का दावा है कि कोरोना के आधार पर रिपोर्ट बनाकर डेंगू मरीजों का ट्रैक किया जा रहा है। अस्पतालों में भी मरीजों का बेहतर इलाज हो रहा है। हालाँकि, उनके दावे के बावजूद राज्य में डेंगू से पीड़ितों की संख्या 1,400 से अधिक है। स्वास्थ्य मंत्री के जिले पूर्वी सिंहभूम में आधे से अधिक मरीज हैं। वास्तविकता सरकारी आंकड़ों से अलग है। पूर्वी सिंहभूम में राज्य में सबसे ज्यादा 804 डेंगू मरीज हैं, सरकारी आंकड़ों के अनुसार। यह सरकारी आंकड़े का लगभग ५७ प्रतिशत है। पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में अब तक 8,600 सैंपलों की जांच की गई है, जिसमें 1,026 डेंगू पीड़ितों की पुष्टि हुई है। फिलहाल, 230 मरीज यहां अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। रांची में डेंगू के 110 मरीज अब तक मिले हैं, जबकि निजी अस्पतालों में 130 से अधिक मरीज भर्ती हैं। साहिबगंज में 170 और धनबाद में 75 लोग डेंगू से पीड़ित हैं।

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राज्य के निजी अस्पताल भी डेंगू पीड़ितों से भरे हैं

इन सरकारी आंकड़ों से डेंगू महामारी की वास्तविकता बिल्कुल अलग है। डेंगू से पीड़ित लोग राज्य के निजी अस्पतालों में भरे हुए हैं। दबी जुबान में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी मान रहे हैं कि डेंगू के मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में 15 से 20 फीसदी ज्यादा हुआ है या अभी भी चल रहा है। सरकारी आंकड़ों से अधिक यानी मरीज हैं। ज्यादातर लोग घर पर भी डेंगू का इलाज कर रहे हैं। सरकार भी इस आंकड़े को नहीं रखती।

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डेंगू को नियंत्रित करने के लिए सरकारी स्तर पर कोई उपाय नहीं

मुख्य चिंता यह है कि डेंगू की रोकथाम के लिए सरकारी स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। राजधानी में कई क्षेत्र डेंगू का “रेड जोन” बन गए हैं, लेकिन सफाई और फॉगिंग में सुस्ती है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए 10 प्रतिशत बेड आरक्षित हैं।

मंत्री ने कहा कि विभाग गंभीर नियंत्रण कदम उठाता है।

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि विभाग इस बीमारी को गंभीर रूप से लेकर ठोस कदम उठा रहा है। श्री गुप्ता ने कहा कि सभी नगर निकायों को स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। कोरोनावायरस की तर्ज पर रिपोर्ट बनाकर डेंगू मरीजों को देख रहे हैं। एड्स कंट्रोल सोसाइटी को भी कहा गया है कि खून की कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। 10 प्रतिशत डेंगू मरीजों के लिए सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड आरक्षित हैं। वहीं, नगर निगम क्षेत्र में जल जमाव को कम करने के लिए एंटी लार्वा केमिकल का छिड़काव करने का आदेश दिया गया है। जमशेदपुर और साहिबगंज में डेंगू का प्रकोप पहले बढ़ा था, लेकिन अब हालात नियंत्रण में हैं।

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