Ranchi

झारखंड में भी जातीय गणना की मांग बिहार के बाद बढ़ गई, जानिए झारखंड के नेताओं का मत

Ranchi: जातिगत जनगणना की रिपोर्ट बिहार में जारी होने के एक दिन बाद झारखंड में भी इसकी मांग बढ़ी है। भाजपा को छोड़कर सभी राजनीतिक पार्टियों ने राज्य में जातिगत जनगणना की मांग की है। हेमंत सोरेन सरकार पर कई राजनीतिक दल ने दबाव बढ़ा दिया है। सरकार से जातिगत जनगणना को 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनावों से पहले कराने की मांग की गई है। विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों ने इस मुद्दे पर दैनिक “शुभम संदेश” में अपनी राय दी।

झारखंड में जातिगत गणना होनी चाहिए: सुंदर सोनू

झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, जो मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकारों में शुमार हैं, ने कहा कि राज्य में भी जाति आधारित जनगणना होनी चाहिए। आखिरकार, जातिगत आबादी भी पता चली। विकास नीतियां इसके आधार पर फिर से बनानी चाहिए। अगर पार्टी कार्यकर्ता की हैसियत से कोई प्रश्न उठता है, तो वे पार्टी के निर्णय के साथ हैं।

जनगणना जातिगत होनी चाहिए: मुथुराप्रसाद महतो

झामुमो के विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि झारखंड में भी जातिगत जनगणना की जरूरत है। यहां भी जाति का आंकड़ा सरकार और आम लोगों को पता होना चाहिए। जब उनसे पूछा गया कि क्या आप इस मांग को पार्टी फोरम में उठाएंगे, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कोई उत्तर नहीं दिया। बस कहा कि जाति आधारित जनगणना करनी चाहिए।

जातिगत जनगणना करने की मांग करें, सीएम: इरफान अन्सारी

कांग्रेस विधायक डा. इरफान अंसारी ने कहा कि बिहार सरकार ने बहुत कुछ किया है। जो सबसे ज्यादा उपेक्षित थे, वे भी वर्षों से उपेक्षित रहे। यहां भी कुछ ऐसा है। इसलिए झारखंड में भी जातीय जनगणना बिहार की तरह होनी चाहिए। ताकि उनका विकास हो सके, उनकी जनसंख्या और आबादी पता चली।

मुख्यमंत्री से जल्द मिलकर मांग करेंगे: उमाशंकर अकेला

कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला (यादव) ने कहा कि बिहार सरकार ने जो कुछ किया है वह प्रशंसनीय है। झारखंड विधानसभा में भी हमने कई बार मांग उठाई है। आगे भी करेंगे। कांग्रेस के विधायक और नेता बहुत जल्द मुख्यमंत्री से मिलकर इसकी मांग करेंगे। मुख्यमंत्री बुद्धिमान हैं और सब कुछ जानते हैं। झारखंड में सभी लोगों का विकास होना चाहिए। यह आंकड़ा आना चाहिए कि कौन कितनी संख्या में है।

समान अधिकारों के लिए जातिगत जनगणना की आवश्यकता होती है: डाक्टर लंबोदर महतो

आजसू विधायक डा. लंबोदर महतो ने कहा कि झारखंड में भी बिहार की तरह जातिगत जनगणना होनी चाहिए ताकि सभी को समान अधिकार और विकास का लाभ मिल सके। जातिगत जनगणना समान अधिकार के लिए आवश्यक है। झारखंड में ओबीसी बहुसंख्यक हैं, यह सबको पता है। यह बताना चाहिए कि अन्य जातियां भी हैं। हेमंत सोरेन सरकार को सर्वे को तुरंत शुरू करना चाहिए।

हमारा दल कुछ करेगा: रामाचन्द्रवंशी

भाजपा विधायक रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि बिहार में जातिगत जनगणना सही है। लेकिन यहां हम पार्टी नहीं हैं। हम हमारी पार्टी के प्रतिनिधि के निर्णय से सहमत होंगे और उसके अनुरूप कार्य करेंगे।

हेमंत सोरेन और केंद्र सरकार भी नीतीश की तरह कार्रवाई करे: खींचो

जदयू प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद खीरू महतो ने कहा कि नीतीश कुमार ने जो कुछ किया है, उसे साबित किया है। वह काफी सराहनीय है। अब बिहार में दूध का दूध और पानी का पानी था। सभी राज्यों और पूरे भारत में जातिगत जनगणना होनी चाहिए अगर इस देश में सबका साथ, सबका विकास का विचार वास्तव में लागू होना है। बिहार की तरह, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी वर्ष 2024 के पहले ही जनगणना कराना चाहिए।

झारखंड सहित पूरे देश में जातिगत जनगणना होगी: डाक्टर मनोज

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झारखंड प्रदेश राजद के मुख्य प्रवक्ता डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि जातीय जनगणना पर आधारित बिहार सरकार का आंकड़ा बहुत सराहनीय है। बिहार की तरह ही अन्य सभी राज्यों में जातीय जनगणना जल्द ही की जाएगी। राजद केंद्र सरकार से मांग करती है कि सभी राज्यों में जातीय जनगणना अनिवार्य रूप से होनी चाहिए, ताकि सभी राज्यों के जातीय आंकड़े एकत्रित किए जा सकें। झारखंड सरकार से भी मांग करते हैं कि बिहार की तरह झारखंड में भी जातीय जनगणना होनी चाहिए।

मोदी ने कहा कि गरीबों की जाति मेरी सबसे बड़ी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जगदलपुर, बस्तर जिले के मुख्यालय में भाजपा की परिवर्तन महासंकल्प रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सोमवार से कांग्रेस ने एक अलग स्वर निकालना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि हर आबादी का हक है। मैं कहता हूँ कि इस देश की सबसे बड़ी आबादी गरीब की है। यही कारण है कि मेरे विचार में सबसे बड़ी जाति और सबसे बड़ी आबादी गरीब है। मेरा लक्ष्य गरीबों का कल्याण है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विचार क्या हैं? मनमोहन सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यकों और मुसलमानों को देश के संसाधनों पर पहला अधिकार है। लेकिन अब कांग्रेस कहती है कि जनता निर्धारित करेगी कि किसे कितने अधिकार मिलेंगे। कांग्रेस मुसलमानों के अधिकारों को कम करना चाहती है?

सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की

मंगलवार को, राजनीतिक तनाव के बीच जातिगत जनगणना की रिपोर्टों को सार्वजनिक करने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। दो गैर-सरकारी संस्थाओं, यूथ फॉर इक्वैलिटी और सोच ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की शिकायत की है। छह अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय इस पर सुनवाई करेगा। अदालत ने इससे पहले कोई बयान नहीं दिया है।

असल में, बिहार सरकार ने जाति जनगणना रिपोर्ट को प्रकाशित नहीं करने का वादा किया था। दोनों एनजीओ ने इन आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं करने की मांग की थी। तब भी सुप्रीम कोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया था। यह मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है क्योंकि अब रिपोर्ट सार्वजनिक हो गई है।

Tannu Chandra

मैं Tannu Chandra, मुझे ऑटोमोबाइल "बाइक्स" में पिछले 3 वर्षो का अनुभव है, मुझे बाइक्स और गाड़िओ का ब्लॉग लिखना बहुत पसंद है इसलिए मैं India07.com में एक राइटर के रूप में काम कर रही हूँ और बचे समय में Joharupdates के लिए अपने आस-पास के न्यूज़ को भी साझा कर देती हूँ।

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