Khunti News: जाने किस तरह से सदर के डॉक्टरों ने बचाया एक बच्चे की जान
Khunti: खूंटी के सदर अस्पताल जाने से मरीजों और उनके परिवारों को घबराहट होती थी, लेकिन आज सदर अस्पताल की हालत बहुत बदल गई है। विशेष रूप से बच्चों के इलाज के लिए अस्पताल में सर्वश्रेष्ठ प्रबंध उपलब्ध हैं।
प्री मैच्योर पैदा हुए बच्चों और जन्मजात बीमार बच्चों के लिए वरदान साबित हो रहा है मातृ एवं शिशु अस्पताल में जन्म के साथ बीमार बच्चों के उपचार के लिए एक विशेष नवजात देखभाल कक्ष। प्री मैच्योर बच्चे को अस्पताल के चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों ने नया जीवन दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, 7वें महीने में 4 जनवरी को सदर अस्पताल में जन्मे बच्चे का वजन सिर्फ 900 ग्राम था। ऐसे बच्चे जीवित रहने की संभावना बहुत कम है। बच्चे को SNCU में भर्ती कराया गया।
बच्चा अस्पताल से 55 दिनों बाद पूरी तरह स्वस्थ हो गया और छुट्टी दे दी गई। Girjatoli खूंटी की एक महिला रागिनी कुमारी ने 4 जनवरी को सदर अस्पताल में 1 बच्चे को जन्म दिया, सिविल सर्जन डॉ. नागेश्वर मांझी ने बताया। बच्चे को सातवें महीने में जन्म दिया गया था। वह बहुत कमजोर था। SNCU में डॉ. जागृता मालाकार और डॉ. आनंद कुमार मांझी ने उसका इलाज करने के लिए भर्ती किया।
55 दिनों तक उपचार के बाद बच्चा SNCU में पूरी तरह से स्वस्थ हो गया। सिविल सर्जन ने बताया कि सिस्टर इंचार्ज आरती मंजुला होरो, नर्स अनुपम होरो, सोनाली गुड़िया, रश्मि खेस, दुलारी हस्सा, विभा रानी, सुशीला भेंगरा, सुनीता पूर्ति, अलका हेमरोम और फुदन कुमारी नाग ने बच्चे के उपचार में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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