Jamtara News: जगवाडीह गांव में एक मोहली परिवार में 5 बेटियां हैं, जो अब तक स्कूल नहीं गई
Jamtara: अमृत मोहली ने बताया कि हमारे परिवार में पंद्रह लोग हैं। परिवार का राशनकार्ड है, लेकिन आधार कार्ड नहीं है, इसलिए सिर्फ दो यूनिट चावल मिलता है। सरकारी कार्यक्रमों से भी वंचित है।
सरकार लोगों को रोटी, कपड़ा, घर और शिक्षा देने का दावा करती है, लेकिन क्या कहेंगे अगर किसी परिवार में पांच बेटियां आज तक स्कूल नहीं गई हैं? शिक्षा विभाग में कुर्सीतोड़ बाबुओं की वजह से क्या सरकार के बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा अब दम तोड़ने लगा है।
नारायणपुर प्रखंड के टोपाटांड पंचायत के जगवाडीह गांव में एक दर्दनाक कहानी है, जहां विश्वनाथ मोहली और अमृत मोहली का परिवार बुरी हालत में रहता है। विश्वनाथ मोहली ने पांच बेटी हैं: किरण कुमारी (१२ वर्ष), संजोती कुमारी (९ वर्ष), लक्ष्मी कुमारी (७ वर्ष), चांदनी कुमारी (५ वर्ष) और आरती कुमारी (२ वर्ष)। विश्वनाथ मोहली के भाई अमृत मोहली भी एक बेटी है, पूनम कुमारी (सात)। विश्वनाथ मोहली ने बताया कि मेरी पांच बेटियों में से चार स्कूल जाने के योग्य हैं। आधार कार्ड नहीं होने से नामांकन नहीं होता।
मेरे भाई की सात वर्ष की पुत्री का भी आधार कार्ड नहीं है। वह भी स्कूल नहीं जा सकता। बताया कि हम लोगों ने बच्चों का आधार कार्ड बनाने की कई बार कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हुए। बच्चियां पढ़ना चाहती हैं, लेकिन वे विद्यालय में नामांकित नहीं हैं।
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चावल परिवार के 15 लोगों को मात्र दो यूनिट मिलता है
अमृत मोहली ने बताया कि हमारे परिवार में पंद्रह लोग हैं। परिवार का राशनकार्ड है, लेकिन आधार कार्ड नहीं है, इसलिए सिर्फ दो यूनिट चावल मिलता है। सरकारी कार्यक्रमों से भी वंचित है। इसलिए वे आज भी टूटे-फूटे कच्चे घरों में रहते हैं। बारिश के दौरान कई चुनौतीओं का सामना करना पड़ता है। कुल मिलाकर, इस मोहली परिवार का हाल ऐसा है कि उसे शब्दों में बताना मुश्किल है।
घर के सामने एक चापाकल है, जिससे पानी निकालने के लिए एक सरकारी कर्मचारी ने नाली बनाई है, लेकिन घर के आंगन से गंदा पानी निकलता है, जो पांच मिनट भी खड़ा रहता है। इस खराब नाली के सामने बेबस परिवार दिन भर काम करता है। हम लोग बांस की सामग्री बनाकर परिवार का गुजर बसर कर रहे हैं, अमृत मोहली और विश्वनाथ मोहली ने बताया। अब इसकी भी मांग कम हो गई है।
यह परिवार अपनी बेटियों को पढ़ाना चाहता है, लेकिन उनकी गरीबी परेशान करती है। इस परिवार का कहना है कि वे अपनी बेटियों को शिक्षित करेंगे अगर सरकार मदद करेगी। शिक्षा विभाग बच्चों को स्कूल में नामांकन नहीं देने के कई कारण बता देगा। हाल ही में बच्चों को स्कूल से जोड़ने के लिए प्रयत्न कार्यक्रम भी शुरू हुआ। यही कारण है कि यह पांचों बच्ची प्रयास कार्यक्रम में शामिल नहीं हुईं।
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कहते क्या है DC
अभी मामला मेरे पास है। ऐसा कोई नियम नहीं है कि बच्चियों को आधार कार्ड नहीं होने पर नामांकन नहीं किया जाएगा। शिशु पंजी को पोषक क्षेत्र में आने वाले विद्यालय के शिक्षक बनाते हैं। इस तरह की भूल नहीं होनी चाहिए; बच्चियों को तुरंत विद्यालय में शामिल किया जाएगा।DSI, जामताड़ा दीपक राम बोलें BDO
मैं इस मामले को जानता हूँ। यह पता लगाया जाएगा कि पांचों बच्चियों को अभी तक स्कूल में नामांकन नहीं मिला है। परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी। आधार कार्ड को जल्दी बनाया जाएगा। नारायणपुर के BDO मुरली यादव