Jamshedpur: जमशेदपुर के छात्र समर्थ पांडेय ने 2020–2021 के इंस्पायर अवार्ड के लिए नामांकित किया है। समर्थ पांडेय जमशेदपुर के डीबीएमएस स्कूल में पढ़ते हैं। उनकी योजना को राष्ट्रीय प्रदर्शनी में सम्मान भी मिला है। इस सम्मान के लिए चुने गए झारखंड के एकमात्र विद्यार्थी समर्थ पांडेय हैं।
दरअसल, समर्थ पांडेय ने दवा से संबंधित एक प्रोजेक्ट अवार्ड के लिए प्रस्तुत किया था। समर्थ ने बताया कि मरीज को अक्सर पता नहीं चलता कि दवा खत्म हो गई है। क्योंकि दवा कंपनियां या दुकानदार दवा के रैपर को बदलते हैं अब उन्होंने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिससे दवा का रैपर बदलने के बाद भी उसकी एक्सपायरी डेट जान सकेंगे।
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समर्थ ने ये किया है
समर्थ ने बताया कि अब दवा के पीछे भी एक कोड प्रिंट किया जाएगा। संभवतः ये क्यूआर कोड हो सकते हैं। स्कैन करने पर दवा कितने दिनों पहले बनाई गई है पता चलेगा। और इसका उपयोग कब तक किया जा सकता है? यानी इसकी समाप्ति तिथि कब है? फार्मा क्षेत्र में इसे एक अनूठी खोज माना जाता है।

490 प्रतिभागियों में से 60 के प्रोजेक्ट
इंस्पायर पुरस्कार के लिए देश भर से 490 प्रोजेक्ट चुने गए। इंस्पायर अवार्ड स्कीम के लिए 60 उत्कृष्ट परियोजनाएं चुनी गईं। चुने गए सभी 60 लोगों को सम्मानित किया गया। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बुधवार को पुरस्कार समारोह हुआ। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डा. जितेंद्र सिंह इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। भारत सरकार ने चुने गए सभी सम्मानित भागीदार को जापान भेजा जाएगा।